सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद प्रमुख मौलाना साद फरार
नई दिल्ली ( mediasaheb.com) । राजधानी के प्रसिद्ध निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) को 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद आज दोपहर 12 बजे पूरी तरह खाली करा लिया गया। यहां से कुल 2361 लोगों को बाहर निकाला गया है, जिनमें से 617 में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। निकाले गए लोगों में अब तक 24 केस कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में रविवार की रात स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से छापा मारा था, तभी से यहां छिपे बैठे जमातियों को बाहर निकालने का ऑपरेशन शुरू किया गया। लगातार चल रहे ऑपरेशन को आज दोपहर 12 बजे खत्म कर लिया गया है। यहां से कुल 2361 लोगों को बाहर निकाला गया है, जिनमें से 617 में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि अन्य सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन में भेजा गया है। अभी तक कुल 24 ऐसे लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जो इस मरकज से अस्पताल पहुंचाए गए थे।
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। इसके बाद मंगलवार शाम को निजामुद्दीन थाने के एसएचओ मुकेश वालिया के बयान पर इस मामले में क्राइम ब्रांच ने मंगलवार की शाम सात लोगों के नाम एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के अलावा छह अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। इनके नाम डॉक्टर जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद शफी, यूनुस, मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अशरफ हैं। फिलहाल बीते दो दिनों से मरकज के प्रमुख मौलाना साद गायब हैं। उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच की दो टीमें जगह-जगह दबिश दे रही हैं। यह एफआईआर दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच रोहिणी सेक्टर-14 स्थित क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही है।
एसएचओ के थाने का वीडियो हुआ वायरल निजामुद्दीन थाने के एसएचओ मुकेश वालिया ने मरकज से जुड़े मौलानाओं को बीते 23 मार्च को थाने में बुलाया था। उन्होंने मौलानाओं को बताया था कि पांच से ज्यादा लोग एक जगह पर इकठ्ठा नहीं हो सकते। ऐसे में मरकज में जुटी हुई भीड़ नियमों के खिलाफ है। अगर उन्हें तुरंत नहीं हटाया गया तो बीमारी फैलने का खतरा है। एसएचओ की तरफ से उन्हें नोटिस भी दिया गया था जो वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है।एसएचओ को मरकज की तरफ से बताया गया था कि वहां पर 2500 से ज्यादा लोग थे जिसमें से 1500 लोग जा चुके हैं जबकि एक हजार बचे हुए हैं। एसएचओ की तरफ से इन्हें भी जल्द से जल्द हटाने को कहा गया। इसके लिए बाकायदा एसडीएम का नंबर भी दिया गया और जल्द लोगों को नहीं हटाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी लेकिन इसके बावजूद यहां से लोग नहीं हटे। (हि.स.)