रायपुर, ( mediasaheb.com) राज्योत्सव के पावन दिन सरकार ने छत्तीसगढ़ के 70 लाख अन्नदाताओं के साथ एक बार फिर विश्वासघात किया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने खुद को केवल गौरीगौरा पूजा के दिन सौटें मरवाये थे पर किसानों को उन्होंने 30 दिनों के भीतर 3 जानलेवा सौटें मारे हैं: अपूर्ण क़र्ज़ा माफ़ी की घोषणा और बेमौसम बरसात से फसलों की बर्बादी के बावजूद मुआवज़ा नहीं देने के बाद धान खरीदी को 1 महीने टालने का आज का निर्णय किसानों को पूरी तरह तबाह कर देगा।
30 दिन वो अपने खून-पसीने से उगाई 80 लाख मेट्रिक टन धान कहाँ रखेंगे जबकि पूरे प्रदेश में मात्र 12 लाख मेट्रिक टन भंडारण की व्यवस्था है, क्या इसका आभास खुमरि और पनई में सेल्फ़ी खींचने के शौक़ीन हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री को नहीं है? या फिर उन्होंने जान बूझकर कम धान खरीदने और कोचियों को फायदा पहुँचाने की बदनियत से ये निर्णय लिया है?
जब दारू बेचने में कांग्रेसी सरकार कोताही नहीं कर रही है,तो किसानों का धान ख़रीदने में विलम्ब क्यों? जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) मांग करती है कि सरकार तत्काल किसानों का धान ख़रीदना शुरू करे।भौंरा चलाना बाद में भी हो सकता है।
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