चिरायु योजना के तहत हुई सर्जरी
धमतरी, (mediasaheb.com) । कल तक जिन मासूम चेहरों पर दर्द और मायूसी छायी होती थी, आज उनके चेहरे खुशी से दमक रहे हैं। यह संभव हुआ है चिरायु योजना के प्रयासों से। 10 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में योजना के तहत कटे-फटे होंठ और तालू का ऑपरेशन शिविर आयोजित किया गया। जहां जिले के सात मासूमों की सर्जरी कर उनके होंठ और तालू की विकृति को दूर की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. डीके तुर्रे ने शुक्रवार को बताया कि धमतरी जिले के सात बच्चे धमतरी स्थित भोथीपार की चार वर्षीय रेशमी साहू, शकरवारा के सात वर्षीय हिमांशु साहू, सम्बलपुर के तीन वर्षीय नब्या मरकाम, कुरूद के खैरा के 9 वर्षीय युवराज यादव, कन्हारपुरी की दो वर्षीय जान्हवी दीवान, सिंधौरीकला के दस माह के कुनाल साहू तथा धमतरी के सुन्दरगंज वार्ड के पांच वर्षीय कबीरदास मानिकपुरी की निःशुल्क सर्जरी की गई। यह सर्जरी चिरायु योजना के तहत अनुबंधित अस्पतालों में निःशुल्क की जाती है। जिला अस्पताल में आयोजित शिविर से न केवल सात मासूमों के चेहरे पर मुस्कान बिखरी बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी यह एक वरदान साबित हुआ। बच्चों का चिह्नांकन कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिरायु योजना के तहत् कटे-फटे होंठ और तालू की निःशुल्क सर्जरी की जाती है।
गर्भकाल के दौरान रखा जाए ध्यान, नहीं तो बच्चे के शरीर में आ सकती है विकृति डाॅ. डीके तुर्रे ने यह भी बताया कि कटे-फटे होंठ और तालू की विकृति अनुवांशिक अथवा अधूरे गर्भकाल की वजह से होती है। ऐसे में बच्चा दिनों दिन कमजोर और बीमार होता जाता है। उसमें सामान्य बच्चों की तरह खेलने-कूदने की ताकत नहीं होती। वह इन विकृतियों की वजह से माँ के दूध को ताकत लगाकर नहीं खींच पाते, जिससे वे भूखे रह जाते हैं। सांस ज्यादा खींचने से पेट में हवा भर जाती है। मां को लगता है कि बच्चे का पेट भर गया और वह उसे सुला देती है। यही बच्चों की कमजोरी की वजह बनती है। कमजोरी के कारण बच्चे के शरीर में विकृति आ जाती है। (हि. स.)