बिलासपुर ( mediasaheb.com) । सेवा के दौरान या सेवानिवृत्त के बाद बेहतर चिकित्सीय सुविधा मिल सके इसलिए रेलवे द्वारा एकीकृत मेडिकल उम्मीद कार्ड जारी किया जा रहा है। इस मेडिकल कार्ड पहचान पत्र के माध्यम से कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य देश के किसी भी शहर के रेलवे अस्पताल में पहुंचकर इलाज करा सकते हैं।
चिकित्सा पहचान पत्र को देश स्तर पर उपयोगी बनाने के लिए इसे डिजीटल किया गया है। रेलवे बोर्ड के इस फैसले से कर्मचारी खुश हैं। इससे उन कर्मचारियों को भी बड़ी आसानी से चिकित्सा मदद मिलेगी जो दूरदराज काम कर रहे हैं या रेलवे की सेवा समाप्त कर चुके हैं। इस नई प्रणाली की शुरुआत के लिए कर्मचारी किसी भी स्थान से आवेदन कर सकते हैं और उनके लिए देशभर के किसी भी रेलवे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग सुविधाजनक हो जाएगा।
इस प्रणाली में भौतिक कार्ड ले जाना भी अनिवार्य नहीं होगा। रेलवे में अभी मुख्यालय में आना पड़ता है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय व मंडल के 70 प्रतिशत से भी अधिक की संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों और लाभार्थियों को अपना नाम इस कार्ड के लिए अपना नाम पंजीकृत कर चुके हैं ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय के 77 प्रतिशत, बिलासपुर मंडल के 56.5 प्रतिशत, रायपुर मंडल के 75.1 प्रतिशत , नागपुर मंडल के 69.3 प्रतिशत व निर्माण संगठन के 47.3 प्रतिशत, डब्ल्यूआरएस रायपुर का 91.5ः व मोतीबाग नागपुर वर्कशॉप के 50.2 प्रतिशत कर्मचारियों ने मेडिकल आइडी प्राप्त करने के लिए रजिष्ट्रेशन करा चुके है।