रायपुर(mediasaheb.com) नान घोटाले मामले में निशाने पर आये पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बचाव में भाजपा खड़ी नज़र आ रही है. BJP कार्यालय एकात्म परिसर में प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पत्रकार वार्ता लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा.
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि डा. रमन सिंह की लोकप्रियता से अभी तक घबराये कांग्रेसी उनकी छवि को नुकसान पहुचाने किसी भी हद तक जा रहे हैं.जहां तक नान घोटाले का सवाल है, इस मामले में डॉ.रमन सिंह (Dr. Raman singh ) की सरकार ने ही तब हो रही अनियमितता को संज्ञान में लेकर अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. तब डा. रमन सिंह ने भावुक होकर कहा भी था कि गरीबों के हक़ पर डाका डालने वालों को बक्शा नहीं जाएगा.
श्री कौशिक ने कहा कि एक ऐसा आदतन अपराधी, जो दो बार में पांच वर्ष से अधिक समय तक जेल होकर आया हो, उससे हलफ़नामा दिला कर उसके आधार पर राजनीति करना कांग्रेस का चरित्र ही दिखा रहा है। इसी तरह एक अन्य अभियुक्त के ही आवेदन पर एसआइटी गठित कर देना बिल्कुल ग़ैर क़ानूनी है.
पीडीएस योजना लागू करते समय भाजपा सरकार की प्राथमिकता यही थी कि सभी पात्रों तक भोजन की पहुँच हो. बाद में अनियमितता की जानकारी होने पर तब भाजपा सरकार ने अवैध कार्ड निरस्त किये थे. सबसे गौर करने वाली बात यह है कि इस निरस्तीकरण का सबसे ज्यादा विरोध कांग्रेस ने ही किया था, जो आज ज्यादा राशन कार्ड होने की बात पर राजनीति कर रही है.
अभी इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय में भी चल रहा है. ऐसे समय में मुख्य अभियुक्त से इस तरह का बयान दिलाने का सीधा अर्थ यही है कि निहित स्वार्थी तत्व इस मामले में न्यायायिक प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं.
हाल के कुछ घटनाक्रमों पर गौर कीजिये तो मामलों के मुख्य अभियुक्तों से ही हलफनामा दिलवा कर उसे भाजपा को बदनाम करने के लिए उपयोग किया जा रहा है. आप मंतूराम प्रकरण को देखें और इस प्रकरण को भी. दोनों में मुख्य अभियुक्त का ही इस्तेमाल भाजपा के खिलाफ किया जा रहा है.
इन तमाम हलफनामों का कोई भी विधिक औचित्य नहीं है, बस केवल अपनी नाकामी ढंकने और भाजपा को बदनाम करने ऐसे-ऐसे कृत्य किये जा रहे हैं. हालांकि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण केस के मेरिट पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है. अगर सच में कांग्रेस हाल के इन दोनों हलफनामे पर भरोसा करती है तो भाजपा फिर यह चुनौती देती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं शपथ पत्र देकर इन हलफनामों को प्रमाणित करें, फिर उसे न्यायालय में प्रस्तुत करें.
मंतूराम प्रकरण पर कौशिक ने कहा कि ऐन दंतेवाडा नामांकन के दिन भीमा मंडावी की हत्या की जांच कर रहे अग्निहोत्री आयोग ने प्रोसिडिंग को डिस्क्लोज करके संदेहियों को क्लीन चिट दे दिया था. इन सभी मामले में यह साबित हो रहा है कि चुकि दंतेवाडा उपचुनाव में कांग्रेस के पास बताने को कुछ नहीं है. इस लिए बेतुके आरोप लगा रही है| #bjp#DR.ramansingh