रायपुर,(mediasaheb.com ) भारतीय जनता पार्टी प्रदेश पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में नगरीय निकाय क्षेत्रों में की गई परिसीमन की इस कार्यवाही अव्यवहारिक है। भारतीय जनता पार्टी परिसीमन की अव्यवहारिकता को गंभीरता से लेते हुए निम्न सुझावों पर विचार करने का आग्रह किया है।
1. छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव हेतु परिसीमन, 2011 की जनगणना के हिसाब से किया गया है जो वर्तमान समय में (2019) में अव्यवहारिक है। क्योंकि 2021 की जनगणना के हिसाब से निकट भविष्य में पुनः परिसीमन की आवश्यकता पड़ेगी।
2.यदि परिसीमन की कार्यवाही हुई है तो पूर्व की तरह नगरीय सीमा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के कुछ गांवों को शामिल करना था क्योंकि लगभग गांव तक तो नगरीय निकायों के माध्यम से विकास होता है परन्तु बगल के ग्राम में विकास कार्य नहीं होता।
3.वर्तमान समय में भारत देश में नागरिकों के पहचान के लिए “आधार कार्ड“ की व्यवस्था की गई है जो सम्पूर्ण भारत में लागू है। परिसीमन के बाद वार्डों के नाम एवं वार्ड संख्या परिवर्तित की गई है, ऐसे में नागरिकों के आधार कार्ड में संशोधन की समस्या आएगी एवं पहचान पत्र का महत्व समाप्त हो जायेगा।
4.परिसीमन में वार्डों के नाम को परिवर्तित किया गया है। पर वार्डों की कुल संख्या में परिवर्तन नहीं हो रहा है, ऐसे में नाम परिवर्तन की क्या आवश्यकता है? वैसे भी वार्डों के नये नामकरण का अधिकार निर्वाचन संस्था को नहीं है।
5.नगर निगम रायपुर सहित विभिन्न नगरीय निकायों में अतिक्रमण अभियान के अंतर्गत दूसरे क्षेत्रों में स्थानान्तरित किया गया है, परन्तु परिसीमन के समय उन्हें उन्ही क्षेत्र की जनसंख्या के रूप में शामिल किया गया है। यह अव्यवहारिक है।
6.नगर निगम रायपुर में शहर के तीन विधानसभा पूर्णरूप से शामिल है। चौथा रायपुर ग्रामीण विधानसभा का 95 प्रतिशत हिस्सा भी नगरीय क्षेत्र में आता है। केवल कुछ ग्राम जो पंचायतों में है उन्हें भी नगर निगम की सीमा में शामिल होना चाहिए। ताकि चारांे विधानसभा का विकास समान रूप से नगर निगम रायपुर के माध्यम से हो सकें।
7.नगर निगम रायपुर के ब्राम्हणपारा वार्ड का नाम विलोपित किया गया। यह तो आश्चर्यजनक है क्योंकि ब्राम्हणपारा वार्ड का कोई भाग दूसरे वार्ड में शामिल नही हुआ है बल्कि दूसरे वार्डों के भाग ब्राम्हणपारा में शामिल हुआ है। अतः ब्राम्हणपारा वार्ड का नाम बदलना अनुचित है।
8.नगरीय निकाय रायपुर के स्वामी विवेकानंद वार्ड का नाम विलोपित करना गलत है क्योंकि वार्ड में स्वामी विवेकानंद जी का गौरवशाली इतिहास है। ये भी एक बड़ी त्रुटि है।
प्रतिनिधि मंडल ने मांग किया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में परिसीमन के पूर्व सलाह मशविरा हेतु सभी दलों के सांसद, विधायक एवं नगर निगम के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर चर्चा होनी थी। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश के नगरीय निकायों के अनेक वार्डों में अनावश्यक रूप से परिवर्तन किय गया है। जो कहीं न कहीं सत्तापक्ष (कांग्रेस) के दबावपूर्ण कार्यवाही को प्रदर्शित करता है।
अतः आपसे आग्रह उक्त सुझावों पर गंभीरता से अमल करते हुए नये सिरे से परिसीमन की कार्यवाही करे।
इस दौरान संजय श्रीवास्तव, सच्चिदानंद उपासने, छगन मूंदड़ा, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, रमेश ठाकुर, मिनल चौबे, चन्नी वर्मा, केदार गुप्ता, मनोज प्रजापति, श्याम सुन्दर अग्रवाल, मुकेश शर्मा, अवतार सिंह बागल, विपिन पटेल, कमलेश शर्मा, सहित भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।