नई दिल्ली, (mediasaheb.com) । केन्द्र सरकार ने दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े प्रावधानों को सरलीकृत किया है। विशेषकर कोयला, संविदा आधारित उत्पादन, एकल खुदरा ब्रांड और डीजिटल मीडिया में निवेश को आसान बनाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे देश में निवेश और रोजगार बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया में चल रहे तनाव के कारण कंपनियां निर्माण सुविधाओं को स्थापित करने के लिए नई जगहों की तलाश कर रही हैं। कुछ एफडीआई प्रावधान इन कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने से रोक रहे हैं। इन प्रावधान को आज काफी हद तक उदार बनाया गया है। यह आर्थिक विकास, मेक इन इंडिया और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
नई नीति के तहत कोयले की बिक्री व संबद्ध प्रसंस्करण अवसंरचना सहित कोयला खनन गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति दी गई है। वर्तमान एफडीआई नीति में विनिर्माण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इस नीति में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। इस पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए भारत में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
एकल खुदरा ब्रांड से जुड़ी एफडीआई नीति में भी बदलाव किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि एकल ब्रांड के लिए भारत से की गई सभी खरीद को स्थानीय सोर्सिंग में गिना जाएगा, चाहे वह सामान भारत में बेचा जाए या निर्यात किया जाए। यह भी निर्णय लिया गया है कि ग्लोबल ऑपरेशंस के लिए भारत से माल की खरीद कपनियों (निवासी या अनिवासी) के उपक्रम सीधे कर सकते हैं, या उनके द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से कानूनी तौर पर समझौते के तहत भी कर सकते है। वैश्विक परिचालन के लिए भारत से की गई खरीद को स्थानीय खरीद आवश्यकताओं के तहत ही माना जाएगा। ऑनलाइन ट्रेड के माध्यम से खुदरा व्यापार ईंट और मोर्टार स्टोर खोलने से पहले भी किया जा सकता है। शर्त यह है कि ऑनलाइन खुदरा शुरू होने की तारीख से 2 साल के भीतर ईंट और मोर्टार स्टोर खोला जाए। सरकार का मानना है कि ऑनलाइन बिक्री से लॉजिस्टिक्स, डिजिटल पेमेंट, कस्टमर केयर, ट्रेनिंग और प्रोडक्ट स्किलिंग में नौकरियों का सृजन होगा।
वर्तमान में समाचार और करंट अफेयर्स के टीवी चैनलों में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। सरकार ने बुधवार को फैसला किया है कि प्रिंट मीडिया की तर्ज पर अब डिजिटल मीडिया के माध्यम से समाचार और करंट अफेयर्स को अपलोड या स्ट्रीमिंग के लिए 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जाएगी। (हि.स.)