- किश्तवाड़, राजौरी और बनिहाल में कर्फ्यू , जम्मू-श्रीनगर में धारा 144 लागू
- सभी शिक्षण संस्थान बंद, जम्मू विवि की सभी परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित
जम्मू, (mediasaheb.com) । केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य से लद्दाख को अलग करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला को घरों में नजरबंद कर दिया गया है। Mobile Internet बंद करने के साथ ही श्रीनगर में धारा 144 लागू है। जम्मू में भी किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए सोमवार को सुबह 6 बजे से धारा 144 लगा दी गई है। जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों की भारी तैनाती से फिलहाल हालात सामान्य हैं और किसी भी तरह के अप्रिय हालात से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बारे में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निवास पर दिल्ली में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में फैसला किया गया। बाद में राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन की सिफारिश कर दी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे अपनी मंजूरी भी दे दी। इससे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के साथ ही 35- A भी हट गया और वहां पर भारतीय कानून पूरी तरह से लागू हो गया। इसके साथ ही राज्य के दो हिस्से कर दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा लेकिन वहां विधानसभा होगी। इसी तरह लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है, जहां उपराज्यपाल का शासन होगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। श्रीनगर में धारा 144 लागू है। इसके अलावा किश्तवाड़, राजौरी और बनिहाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जम्मू में भी किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए सोमवार की सुबह 6 बजे से धारा 144 लगा दी गई है। दोनों स्थानों पर सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। जम्मू विश्वविद्यालय में 5 अगस्त को होने वाली सभी परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। विश्वविद्यालय ने इस बाबत जारी सूचना में कहा है कि परीक्षाओं की सूचना आने वाले दिनों में दी जाएगी। जम्मू के 8 जिलों में सीआरपीएफ की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। राज्य के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश के डीजीपी के साथ आपात बैठक भी की है।
विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने भी विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा श्रीअमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के चलते शुक्रवार को यात्रियों व पर्यटकों को लौटने की एडवाइजरी जारी करने के बाद से ही कश्मीर घाटी, यात्रियों व पर्यटकों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस अफरा-तफरी के चलते विमानन कंपनियों ने भी किराए बढ़ा दिये लेकिन बाद में रेट कम करने पड़े। हालांकि रेलवे टिकट रद्द करने वाले यात्रियों व पर्यटकों को राहत देते हुए उन्हें पूरा रिफंड दिए जाने की व्यवस्था की गई है। जम्मू रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों व पर्यटकों की भारी भीड़ होने से अफरा-तफरी का माहौल रहा है। कश्मीर घाटी में शिक्षा ग्रहण कर रहे बाहरी राज्यों के लगभग 800 छात्रों को वापस भेजा गया है। श्रीअमरनाथ यात्रा स्थगित होने के बाद शनिवार को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में चल रही मचैल यात्रा भी स्थगित कर दी गई।
अब राज्य को दो हिस्सों में विभाजित करने के बाद जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है। जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने कहा कि सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद खने की सलाह दी गयी है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, जहां खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तैनाती कई गुना बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जम्मू क्षेत्र, विशेषकर सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF ) समेत अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। (हि.स.)