नई दिल्ली, (mediasaheb.com)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून का उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक अधिकार और न्याय दिलाना है।
उपराष्ट्रपति ने मुस्लिम महिला(विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक,2019 के पारित होने को संसद के इतिहास में एक महान क्षण बताते हुए कहा कि यह एक प्रमुख सामाजिक सुधार विधेयक था, जो मुस्लिम महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
नायडू ने जोर देकर कहा कि आर्थिक विकास और समग्र विकास के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये देखा गया है कि महिला शिक्षा का गरीबी उन्मूलन और स्थायी विकास पर अधिक गहरा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसा देश शिक्षा के महत्व और महिलाओं के सशक्तीकरण की उपेक्षा नहीं कर सकता है, खासकर जब यह पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की आकांक्षा रखता है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की तरह और भी संस्थान आगे आएं और बेटियां को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराएं। उन्होंने कॉलेज को बधाई देते हुए भावी प्रयासों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
उपराष्ट्रपति ने कॉलेज में जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा की जा रही है। महाविद्यालय में स्थित जल संरक्षण प्रणाली की गणना दिल्ली के बेहतरीन उदाहरणों में की गई है। यह जरूरी है कि ऐसे प्रयासों के माध्यम से युवा विद्यार्थियों मैं पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।
उपराष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( IMF) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी को बढ़ाकर जीडीपी को 27 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। यदि 50 प्रतिशत कुशल महिलाएं कार्यबल में शामिल हो जाएं, तो भारत अपनी विकास दर 1.5 प्रतिशत अंक बढ़ाकर नौ प्रतिशत प्रति वर्ष कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी महिलाओं को कार्यबल में सहभागी बनाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी, कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन प्रो. ब्रजेश चौधरी, कॉलेज की प्राचार्य डॉ स्वति पाल, कॉलेज संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित रहे। (हि.स.)


