गुवाहाटी, (mediasaheb.com) बाढ़ के असम बदहाल है। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य के 28 जिलों के 103 राजस्व सर्किल के 26,45,533 लोग अब तक बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। जबकि रविवार तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य के बाढ़ प्रभावित 25 जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दरंग, शोणितपुर, बाक्सा, बरपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बंगाईगांव, कोकराझार, धुबड़ी, दक्षिण सालमारा, ग्वालपाड़ा, कामरूप, मोरीगांव, होजाई, नगांव, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, कछार, कार्बी आंग्लांग, वेस्ट कार्बी आंग्लांग और हैलाकांदी शामिल हैं। मुख्य रूप से 11 नदियों का जलस्तर कुछ स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर चला गया है। इनमें से ब्रह्मपुत्र नद, बूढ़िदिहिंग, सुवनसिरी, धनसिरी, जिया भराली, कपिली, पुठिमारी, बेकी, बराक, काटाखाल और कुसियारी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार करते हुए कई तटबंधों को तोड़ चुकी हैं। करीब 1,181 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। कुल 87607.43 हेक्टेयर में खड़ी फसल डूब चुकी है। लोगों को अपने घर-द्वार छोड़कर राहत शिविरों व ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।
प्रशासन ने कुल 327 राहत शिविर और 16,596 राहत सामग्री केंद्र स्थापित किए हैं। अकेले रविवार को ही बाढ़ के चलते चार लोगों की मौत हो गई। इनमें से जोरहाट में दो, बरपेटा में एक और धुबड़ी में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इससे पहले शनिवार को धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। शुक्रवार को गोलाघाट में बाढ़ के पानी में दो तथा डिमा हसाउ जिले में एक व्यक्ति की मौत भूस्खलन से हुई थी। बुधवार को गोलाघाट जिले में एक व धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की बाढ़ से तथा कामरूप (मेट्रो) जिले में एक व्यक्ति की भूस्खलन के चलते मौत हुई है। बाढ़ से 10,42,346 बड़े, 5,44,546 छोटे पालतू पशु तथा 12,70,572 पोलेट्री भी प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन की टीम पूरी तरह से मुश्तैद है। कुछ स्थानों पर सेना की भी मदद ली जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकारी एजेंसियां राहत सामग्री पहुंचाने में जुटी हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को अब तक सरकार 6318.82 क्वींटल चावल, 1145.62 क्वींटल दाल, 457.48 क्वींटल नमक, 10840.30 लीटर सरसो का तेल के अलावा आटा, कैंडल पैकेट्स, माचिस बाक्स, मॉस्किटो क्वायल व बच्चों का भोजन आवश्यकता अनुसार वितरित कर चुकी है। (हि.स.)।