नई दिल्ली, (mediasaheb.com ) कर्नाटक में दो कांग्रेस विधायकों ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन के लिए सोमवार को मुसीबत खड़ी कर दी। पहले पूर्वाह्न में बेल्लारी जिले के विजय नगर से विधायक आनंद सिंह ने इस्तीफा दिया और उसके कुछ घंटे बाद बेलगावी जिले के गोडक के विधायक रमेश जारकीहोली ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने सदस्यों के इस्तीफे की पुष्टि नहीं की है।
कर्नाटक में कांग्रेस के विधायकों आनंद सिंह और रमेश जारकीहोली के इस्तीफे के बाद सीएलपी नेता सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में अपने आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है।
उधर, आनंद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग जिंदल को सरकारी भूमि को पट्टे पर देने की सरकार की मंजूरी के खिलाफ आंदोलनरत हैं।” उधर कर्नाटक विधानसभा स्पीकर के कार्यालय ने सोमवार दोपहर विधायक का पत्र प्राप्त होने की पुष्टि कर दी है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी इस समय निजी दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, “मैं कालभैरवेश्वर मंदिर के शिलान्यास समारोह (न्यू जर्सी में) में हूं। मैं टीवी चैनल देख रहा हूं। सरकार को अस्थिर करना भाजपा का एक सपना है।”
उधर, कर्नाटक में आज तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर भाजपा पैनी नजर रखे हुए है। कर्नाटक भाजपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस पर कहा, “मैंने मीडिया के माध्यम से उनके (आनंद सिंह के) इस्तीफे के बारे में सुना है। हम सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते हैं … अगर सरकार अपने दम पर गिरती है, तो हम नई सरकार बनाने की संभावनाओं का विकल्प तलाशेंगे। फिलहाल नये चुनाव कराने का सवाल नहीं है।”
कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, “आनंद सिंह का इस्तीफा मेरे लिए चौंकाने वाला है … मैंने मुख्यमंत्री से बात की। गठबंधन सरकार में कोई समस्या नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि विधायक आनंद सिंह को इस साल की शुरुआत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब बेंगलुरु के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में उनके ठहरने के दौरान एक अन्य विधायक द्वारा कथित रूप से पिटाई और गाली-गलौज के बाद कांग्रेस विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए ले जाया गया। इस वर्ष की शुरुआत में आनंद सिंह को एक साथी विधायक के संग कथित लड़ाई के बाद घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब कहा गया कि वह असंतुष्ट गतिविधि में शामिल थे लेकिन उस समय पार्टी के साथ रहने के लिए वह आश्वस्त थे।
दरअसल, कांग्रेस साल 2019 की शुरुआत से ही अंदरूनी असंतोष से जूझ रही है। राज्य के कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी की खुलेआम आलोचना कर रहे थे। उमेश जाधव लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा में चले गए और कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को हराकर भाजपा के लिए कलबुर्गी सीट जीत ली। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ विधायक रोशन बेग को पिछले महीने पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों की खुली और कड़ी आलोचना के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। गठबंधन को स्थिरता देने के लिए दो निर्दलीय उम्मीदवारों को पिछले महीने कैबिनेट में लिया गया था।
पिछले साल कांग्रेस-जेडी (एस) ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन बनाया था। 225 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्य हैं। कांग्रेस के 79 और जेडी (एस) के 38 विधायक जीते थे। बसपा और निर्दलीय के रूप में एक-एक विधायक जीते थे, जो मौजूदा समय में सरकार में मंत्री हैं। ताजा इस्तीफे के बाद सदन में अब अध्यक्ष सहित कांग्रेस के कुल 77 सदस्य बचे हैं। इस तरह गठबंधन के पास कुल संख्या 119 है जबकि आज कांग्रेस के दो विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया है तो यह संख्या 117 रह गई। (हि.स.)।


