नई दिल्ली, (mediasaheb.com) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया, लेकिन पिछली बार
के कई बड़े चेहरों को अबकी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। हालांकि वित्त मंत्री
रहे अरुण जेटली और विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज स्वास्थ्य कारणों से दोबारा
मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए।
हालांकि इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में पूर्व
विदेश
सचिव एस जयशंकर को शामिल किये
जाने पर लोगों को अचरज जरूर हुआ।
पिछली सरकार में एक और केंद्रीय मंत्री उमा
भारती ने
भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का
फैसला किया था और उन्हें नए मंत्रिमंडल में शामिल
नहीं किया गया। प्रधानमंत्री
मोदी ने पिछली सरकार के जिन कई जाने-पहचाने चेहरों को
अबकी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी, उनमें से प्रमुख
हैं:-
मेनका गांधी : लोकसभा चुनाव के
दौरान विवादों में घिर गई थीं।
सुलतानपुर सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने
कहा था कि जो (अल्पसंख्यक)
उन्हें वोट नहीं देते हैं, उन्हें बाद में काम के लिए उनसे संपर्क नहीं
करना चाहिए। वह
पिछली सरकार में महिला और बाल
विकास मंत्री थीं। वह एक सक्रिय पशु अधिकार
कार्यकर्ता हैं।
जयंत सिन्हा: वे
झारखंड में
हजारीबाग से लोकसभा सांसद हैं।
वह पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं, जो
अब मोदी सरकार के कटु आलोचक हैं। पिछली सरकार में जयंत
सिन्हा राज्यमंत्री के रूप में
वित्त और नागरिक उड्डयन विभागों का कामकाज संभाला
था।
सुरेश प्रभु : नए मोदी कैबिनेट
से एक और आश्चर्यजनक मौका देखने
को मिला। 2014 में सुरेश प्रभु
शिवसेना और भाजपा के बीच विवादों
में गले की हड्डी बन गए थे। प्रभु उस समय शिवसेना
नेता थे लेकिन मोदी उन्हें अपने
मंत्रिमंडल में चाहते थे। प्रभु ने शिवसेना छोड़
दी और भाजपा ने उन्हें मोदी
मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए राज्यसभा सांसद बना
दिया।
राज्यवर्धन सिंह राठौर : पूर्व सैनिक और ओलंपिक पदक विजेता राठौर मोदी
सरकार में
युवा चेहरों में से एक थे।
उन्हें युवाओं और खेलों के प्रमुख विभागों और पिछली
सरकार में सूचना और प्रसारण
मंत्रालय सौंपा गया था। उन्होंने पिछली सरकार में
प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख
कार्यक्रम ‘खेलो इंडिया’ को
आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
राधा मोहन सिंह : वे पिछली सरकार में कृषि महकमे के कैबिनेट
मंत्री के रूप
में आश्चर्यजनक रूप से शामिल किए
गए थे। उन्हें पिछली मोदी सरकार के अंडर-परफॉर्मिंग
मंत्रियों में से एक माना जाता
है। वह कृषि को उस संकट से बचाने के उपाय खोजने में
विफल रहे, जिसमें कृषि वास्तव में संकट में है।
जगत प्रकाश नड्डा : उन्हें भाजपा का अगला अध्यक्ष कहा जाता है।
पिछली सरकार में
जेपी नड्डा ने अपने को लो
प्रोफाइल बनाए रखा और प्रधानमंत्री मोदी के
स्वास्थ्य-कार्यान्वयन की पहल के
पोर्टफोलियो को संभाला। इन्हें एक मजबूत
संगठनात्मक नेता के रूप में माना
जाता है। नड्डा को भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित
शाह के उत्तराधिकारी के रूप में
जाना जाता है, क्योंकि पार्टी
अगले दो वर्षों में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में
जाएगी, जहां उसे सामने
जीत का लक्ष्य होगा।
मनोज सिन्हा : एक कम-प्रोफ़ाइल
लेकिन कड़ी मेहनत करने वाले
राजनेता, जिनकी पिछली
नरेंद्र मोदी सरकार में रेल
मंत्रालय के राज्यमंत्री के रूप जिम्मेदारी थी। रेलवे
में विभिन्न मोर्चों पर निपटने
के लिए उनकी काफी प्रशंसा की गई थी। वह इस बार
गाजीपुर से लोकसभा चुनाव में हार
जाने के कारण मंत्री नहीं बन सके।
अनुप्रिया पटेल : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में एक
राज्यमंत्री के
रूप में रही थीं। वह पिछली सरकार
के पांच वर्षों के दौरान अपनी अलग छाप छोड़ने में
विफल रहीं। 2014 के चुनावों की तरह इस बार भी भले ही उनकी पार्टी
ने दो
लोकसभा सीटें जीतीं लेकिन
मंत्रिमंडल में उन्हें इस बार मौका नहीं दिया गया।
हंसराज अहीर : नरेंद्र मोदी के
पहले कार्यकाल में ये केंद्रीय
गृह राज्यमंत्री थे। महाराष्ट्र के चंद्रपुर से
पिछली बार जीते थे। इस बार वहीं
से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार से
हार गए।
डा. महेश शर्मा : पेश से चिकित्सक
डा. महेश शर्मा पिछली सरकार में
संस्कृति राज्यमंत्री थे। गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट
से इस बार भी वह जीतने में सफल
रहे। इसके बावजूद उन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह
नहीं मिली।
इसी तरह नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये गए
अन्य
पूर्व मंत्रियों में भाजपा के जुएल
ओराम और शिवसेना के अनंत गीते हैं। हालांकि
अनंत गीते के स्थान पर शिवसेना
कोटे से अरविंद सावंत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया
है।
इसके अलावा जिन अन्य पूर्ववर्ती मंत्रियों को इस
बार
मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, उनमें अल्फोंस
कनंनथम, विजय गोयल, राधाकृष्णन पी, अनंत
हेगड़े, डॉ.सत्यपाल सिंह, एस.एस.आहलूवालिया, रामकृपाल यादव, हरिभाई पार्थीभाई चौधरी, चौधरी वीरेंद्र
सिंह, सीआर चौधरी, पीपी चौधरी, राजेन
गोहिन, वाईएस चौधरी, सुदर्शन
भगत और विष्णु देव साई भी हैं। (हि.स.) ।