कानपुर, (mediasaheb.com) लोकसभा चुनाव का कानपुर में भाजपा की ओर से बिगुल फूकने जा रही केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का मजदूर नेताओं ने विरोध की रणनीति बनायी। हरकत में आई पुलिस को इंटक नेता घर पर नहीं मिले तो पुलिस ने पूरे परिवार को नजरबंद कर दिया।
कानपुर की शान कही जाने वाली लाल इमली काफी सालों से बंद पड़ी है। इस वजह से यहां के कर्मचारियों को लगभग 20 माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसका विरोध कर्मचारी समय-समय पर करते रहे हैं। शनिवार को इंटक नेता आशीष पाण्डेय के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन भी किया गया और शहर आ रही केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का विरोध करने का फैसला लिया।
इसके बाद हरकत में आयी पुलिस ने आशीष पाण्डेय समेत कई मजदूर नेताओं को नजरबंद करने के लिए उनके घरों को घेर लिया। हालांकि इंटक नेता पुलिस की कार्रवाई के चलते पहले से ही घर से गायब हो गये। इस पर पुलिस ने उनके पूरे परिवार को घर में नजरबंद कर दिया। इंटक नेता की पत्नी सीमा ने आरोप लगाया कि जब आशीष घर में नहीं मिले तो पुलिस ने घर की तलाशी ली और बदसलूकी की। इसके बाद पुलिस ने किसी दूसरी जगह से इंटक नेता आशीष पाण्डेय को हिरासत में लेकर घर पर नजरबंद कर दिया।
लाल इमली कर्मचारी यूनियन व इंटक नेता आशीष पाण्डेय का कहना है कि यह जिला प्रशासन और पुलिस की ज्यादती है। अपना विरोध हम लोकतांत्रिक तरीके से कर रहे थे। 20 महीनों से वेतन नहीं मिला और कर्मचारियों का परिवार भुखमरी के कगार पर है। अब तक 41 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और पुलिस प्रशासन ने घर को घेर लिया है।
अन्य नेता भी हुए नजरबंद
लाल इमली के कर्मचारियों की लड़ाई लड़ रहे अन्य मजदूर नेताओं को भी पुलिस ने नजरबंद कर दिया। पुलिस ने प्रसपा किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजू ठाकुर, इंटक नेता अजय सिंह, सूती मिल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष बीएम त्रिपाठी को पुलिस ने बीएम त्रिपाठी के काकादेव स्थित घर पर उस समय नजरबंद कर दिया जब यह लोग स्मृति ईरानी का विरोध करने की रणनीति बना रहे थे। राजू ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने से कर्मचारियों का होली का त्योहार फीका रहा और अब विरोध करने पर पुलिसिया कार्रवाई हो रही है। इस दौरान काकोदव इंस्पेक्टर राजीव सिंह और एलआईयू के अधिकारियों को नेताओं ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।(हि.स)।