उप्र में बसपा ने किया किनारा, महाराष्ट्र और गुजरात में भगदड़
नई दिल्ली, (mediasaheb.com) कांग्रेस मंगलवार को एक तरफ जहां गुजरात में 58 साल बाद हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में व्यस्त है वहीं दूसरी तरफ उसे झटके पर झटके लगे हैं। इसकी शुरुआत सुबह उत्तर प्रदेश से हुई जब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में चुनावी तालमेल नहीं करने का ऐलान किया। उसके कुछ ही देर बाद महाराष्ट्र में दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस से चुनावी तालमेल से किनारा करते हुए और बाद में सुजय विखे-पाटिल ने भाजपा में शामिल होकर दोहरा झटका दिया। इसी दौरान गुजरात में कांग्रेस की एक और विधायक संतोकबेन एरेठिया ने इस्तीफा देकर पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी।
बसपा का कांग्रेस संग तालमेल से इनकार
बसपा प्रमुख मायावती ने आज लखनऊ में ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में किसी भी प्रकार का चुनावी समझौता या तालमेल करके नहीं लड़ेगी। उन्होंने यह घोषणा उस बैठक में की, जो उन्होंने लोकसभा के चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए अपनी पार्टी के राज्य प्रमुखों और वरिष्ठ नेताओं की बुलाई थी।
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ उप्र में बसपा के गठबंधन के हिस्से में पार्टी 80 में से 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा को 37 जबकि रालोद को सिर्फ तीन (पश्चिमी उप्र में) सीटें मिली हैं। हालांकि महागठबंधन रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के गढ़ में उम्मीदवार नहीं उतारेगा, इस तर्क के साथ कि वह नहीं चाहता था कि इतनी पुरानी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए फंसा रहे।
बसपा-सपा-रालोद गठबंधन द्वारा औपचारिक रूप से 78 सीटों पर अपने सीटवार ब्रेक-अप की घोषणा करने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अंतिम समय में गठबंधन में शामिल होने या भाजपा के खिलाफ रणनीति समझने की संभावनाओं पर कयास लगाए जा रहे थे। फिलहाल मायावती ने कांग्रेस के साथ इस तरह की किसी भी तरह की भावी संभावनाओं को आज एक तरह से खारिज कर दिया।
महाराष्ट्र में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा प्रकाश अंबेडकर का मोर्चा
दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने ऐलान किया है कि उनका राजनीतिक मोर्चा महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा। यह एक ऐसा ऐलान है, जो कांग्रेस और राकांपा के प्रयासों से भाजपा के खिलाफ बनने वाले ‘महागठबंधन’ को करारा झटका है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए कई प्रस्ताव तैयार किये गए थे लेकिन उनमें टकराव हुआ, इसलिए अब हम कांग्रेस नेतृत्व के साथ आगे बातचीत नहीं कर सकते।
महाराष्ट्र विस में नेता विपक्ष के पुत्र सुजय विखे पाटिल भाजपा में शामिल
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस को आज उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के पुत्र सुजय विखे-पाटिल भाजपा में शामिल हो गए। सुजय दक्षिण मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और राज्य भाजपा प्रमुख रावसाहेब दानवे की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। सुजय विखे पाटिल के कांग्रेस छोड़ने के पीछे के कारणों के बारे में सूत्र बताते हैं कि राधाकृष्ण विखे पाटिल अपने पुत्र सुजय से लिए अहमदनगर लोकसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन कांग्रेस का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ करार होने और यह सीट एनसीपी के खाते में चले जाने के बाद सुजय पाटिल को तगड़ा झटका लगा।
हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से कहा गया कि सुजय विखे पाटिल को यहां से उनकी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने सुजय को भाजपा में शामिल होने से रोकने के लिए हरसंभव कोशिश की थी। राधाकृष्ण विखे पाटिल को इसके लिए दिल्ली भी बुलाया गया था। उन्होंने एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी लेकिन बातचीत का कोई समाधान नहीं निकल सका।
गुजरात में एक और विधायक ने छोड़ी कांग्रेस
चुनाव की इस बेला में कई नेता और विधायकों द्वारा कांग्रेस का हाथ और साथ छोड़ने का सिलसिला जारी है। आज ही कच्छ इलाके की रापर विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक संतोकबेन एरेठिया ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि पिछले पांच दिनों में जवाहर चावड़ा, धर्मेंद्र सिंह जडेजा, परसोत्तम साबरिया और वल्लभ धारविया जैसे चार दमदार विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके चलते गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 77 से घटकर 70 पर पहुंच गई है।
हालांकि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कर रही है। इसके जरिये कांग्रेस पार्टी का मंतव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को संदेश देना है कि वह गुजरात विधानसभा के बाद अबकी लोकसभा चुनाव में भी पूरे जोरशोर से लड़ेंगे। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस में शामिल करने की पहले से जो पटकथा कांग्रेस के सिपाहसालारों ने लिखी थी, आज उसे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मौके पर मूर्त रूप दे दिया गया।
अब हार्दिक पटेल औपचारिक रूप से कांग्रेस के सदस्य हो गए हैं। कांग्रेस इसे गुजरात में अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद हार्दिक पटेल को जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाए जाने की खबरें आ रही हैं। हालांकि कांग्रेस की तरफ से हार्दिक के चुनाव लड़ने की बात पर अभी आधिकारिक रूप से कोई ऐसी घोषणा नहीं हुई है कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि अभी तक हार्दिक सामाजिक आंदोलन चला रहे थे। उनके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी और मजबूत होगी | (हि स)।