नई दिल्ली(mediasaheb.com) लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और इसी के साथ सियासत भी तेजी केसाथ गरमाने लगी है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी बयानबाजी ने तुल पकड़ ली है। कुछ विपक्षी दल जहां केंद्र सरकार के प्रभाव का आरोप लगाते हुए चुनाव घोषणा की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं वहीं कुछ लोग पवित्र माह रमाजान के दौरान वोटिंग पर भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है।
चुनाव तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि इस बार सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे।11 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के बाद 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को बाकी चरणों की वोटिंग होनी है।
इस साल रमाजान के पाक महीने की शुरुआत 5 मई से होने वाली है। इसका साफ मतलब ये है कि तीन चरणों 6, 12 और 19 मई को होने वाली चरणों की वोटिंग रमजान महीने में होगी। रमाजान के दौरान मुस्लिम समाज को लोग सुबह से लेकर शाम तक बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं, ऐसे में ये सवाल उठाए जाने लगे हैं कि रोजे और भीषण गर्मी के दौरान मुस्लिम मतदाता घंटों तक लाइन में लगकर कैसे वोटिंग में हिस्सा ले पाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो इन राज्यों के मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग का प्रतिशत कम हो सकता है।