नई दिल्ली, (mediasaheb.com) दिल्ली महिला आयोग(डीसीडब्ल्यू) ने सुरक्षा यात्रा के नौवें दिन सैकड़ों महिलाओं और लड़कियां के साथ माहवारी से सम्बंधित परेशानियों के खिलाफ मार्च निकाला। हाथों में सैनिटरी पैड लेकर महिलाएं नारे लगाते हुए यात्रा में चलीं और लोगों को सैनिटरी पैड के इस्तेमाल तथा माहवारी पर चुप्पी तोड़ने के लिए जागरूक किया। महिलाओं ने नारे लगाए, “स्कूल और काम पे जाएंगे, पीरियड से नहीं शर्माएंगे” और “मंदिर मस्जिद जाएंगे, पीरियड से नहीं घबराएंगे”।
इस दौरान कुछ स्कूली लड़कियों ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को बताया कि सैनिटरी पैड पर मिलने वाली टैक्स छूट उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है। जिस पर स्वाति मालिवाल ने सैनिटरी पैड बनाने वाली बड़ी निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी कर उनसे पूछा कि सैनिटरी पैड पर शून्य प्रतिशत जीएसटी होने के बावजूद इसका फायदा उपभोक्ताओं को क्यों नहीं दिया जा रहा। केंद्र सरकार ने सैनिटरी पैड पर टैक्स 12 प्रतिशत से शून्य प्रतिशत कर दिया है, मगर फिर भी सैनिटरी पैड के मूल्य कम नहीं हुए। इसके परिणाम स्वरूप टैक्स में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा।
एमआरपी को समान रखकर निर्माता कम्पनियां ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं क्योंकि जीएसटी कम होने से उनको कम टैक्स देना पड़ रहा है। आयोग द्वारा प्रॉक्टर एंड गैम्बल, किम्बर्ली-क्लार्क लीवर और यूनिकार्म को भेजे गए नोटिस में आयोग की अध्यक्ष ने सैनिटरी पैड पर 12 प्रतिशत जीएसटी के समय और जीएसटी 12 प्रतिशत से शून्य प्रतिशत होने के बाद कई पैड निर्माताओं द्वारा सैनिटरी पैड के एमआरपी की जानकारी मांगी है। आयोग ने निर्माता कंपनियों से एमआरपी नहीं घटाने की वजह की भी जानकारी मांगी है। उनसे पूछा गया है कि अगर एमआरपी कम की गई है तो उसके बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए।
वहीं आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि सैनिटरी नैपकीन भारत की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और सफाई के लिए बहुत जरूरी है। सरकार का यह कर्तव्य है कि सैनिटरी पैड को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक पहुंचाया जाए। हमारे देश में महिलाओं का एक वर्ग ऐसा है जो सैनिटरी पैड नहीं मिलने की वजह से खतरनाक तरीके जैसे गंदे कपड़े, राख, घास, मिट्टी आदि का इस्तेमाल माहवारी के समय करती हैं। नोटिस में कहा गया है कि देश में सैनिटरी नैपकिन तक आसानी से पहुंच न होने के कारण 80 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हैं।
महिला सुरक्षा यात्रा अगले तीन दिनों में दिल्ली के दक्षिणी और केन्द्रीय हिस्से में जाएगी। यात्रा के 13वें दिन यानि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह समाप्त होगी।(हि.स.)


