नई दिल्ली, (media Saheb) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कथित लीक आंकड़ों के आधार पर निशाना साधा है। राहुल ने दावा किया कि देश में 2017-18 के दौरान साढ़े छह हजार लोग बेरोजगार थे। उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा कि अब मोदी के जाने का समय आ गया है। ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला किया। इस दौरान उन्होंने एक समाचार साझा किया, जिसमें कथित तौर पर सरकार की नोटबंदी के बाद बेरोजगारी की स्थिति वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावे किए गए हैं। एक अंग्रेजी दैनिक ने अपने समाचार में दावा किया है कि उसने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से जुड़ी रिपोर्ट हासिल कर ली है। यह कार्यालय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
इस समाचार में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय(एनएसएसओ) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार, 2017-18 में भारत की बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत रही, जो पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1972-73 के बाद बेरोजगारी के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन शुरू हुआ था। इसमें आगे कहा गया है कि शहरों में 7.8 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 5.3 प्रतिशत बेरोजगारी रही है। इसी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किए जाने को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया था।
मोहनन आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे। राहुल ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तानाशाह(फ्यूहरर) बताते हुए बेरोजगारी के आंकड़ों को राष्ट्रीय आपदा बताया। उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी के नौकरी के दावे यह हैं। फ्यूहरर ने एक साल में 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था। 5 साल बाद, उनके लीक हुए जॉब क्रिएशन रिपोर्ट कार्ड से राष्ट्रीय आपदा दिखाई देती है। 45 साल में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। 2017-18 में अकेले 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। नरेन्द्र मोदी के जाने का समय आ गया है।’ (हि.स.)।