नईदिल्ली/एजेंसी(media saheb) सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के रूप में आलोक वर्मा को बहाल कर दिया। हालांकि, वह नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय सतकर्ता आयोग और केंद्र ने वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश के.एम. जोसेफ की पीठ ने वर्मा को पद पर बहाल करते हुए कहा कि मामला प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश की सदस्यता वाली सिलेक्शन कमेटी के पास जाएगा जो इस मुद्दे पर गौर करेगी।
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की ओर से लिखित फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश कौल ने कहा कि सिलेक्शन कमेटी मंगलवार से सात दिनों के भीतर बैठक करेगी और तब तक वर्मा कोई प्रमुख नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे।
केंद्र ने वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर उन्हें अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चले जाने के लिए कहा था। सर्वोच्च न्यायालय ने वर्मा और एनजीओ `कॉमन कॉज` की याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें सरकार द्वारा 23-24 अक्टूबर मध्यरात्रि को लिए फैसले को चुनौती दी गई थी। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम और लोकपाल कानून के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए, अदालत ने कहा कि विधायी मकसद सीबीआई प्रमुख को बाहरी हस्तक्षेप से बचाने का है।