मुंबई(media saheb) मराठा समाज को दिए गए आरक्षण को एमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती करते हुए याचिका दायर किया है। इस मामले की सुनवाई 23 जनवरी को होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यह जानकारी याचिका दायर करने वाले वकील सतीश तलेकर ने दी है।
सतीश तलेकर ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ी जाति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर जिस तरीके से मराठा समाज को आरक्षण दिया है, वह असंवैधानिक है। किसी समाज को पिछड़ा घोषित करने का अधिकार सिर्फ केंद्रीय पिछड़ा आयोग के पास ही है, राज्य पिछड़ा आयोग को किसी भी जाति को पिछड़ा घोषित करने का अधिकार नहीं है। इसलिए उन्होंने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इस मामले की सुनवाई 23 जनवरी को होने की संभावना है।
एमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि राज्य सरकार ने सिर्फ वोट बैंक बनाने के लिए गैरकानूनी तरीके से मराठा समाज के लिए आरक्षण घोषित किया है। पिछली सरकार ने मराठा समाज व मुसलिम समाज के लिए आरक्षण घोषित किया था ,लेकिन सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार दोनों समाज का आरक्षण रद्द कर दिया था।
मराठा समाज के बालासाहेब सराटे ने कहा कि एमआईएम विधायक इम्तियाज जलील वोट बैंक के लिए ही मराठा समाज को मिले आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। इम्तियाज जलील सही अर्थों में अगर मुसलिम आरक्षण चाहिए तो मराठा समाज खुद उनके लिए संघर्ष करने को तैयार है। सराटे ने इम्तियाज जलील से अपील की है कि वह मराठा समाज के आरक्षण के विरोध दायर याचिका वापस ले लें। (हि स)
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