- स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, देशभर में दो दिन रहा राजकीय शोक
- कोरोना का शिकार होने के बाद अस्पताल में थीं भर्ती, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
मुंबई (media saheb.com)। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। सुश्री लता मंगेशकर 92 साल की थीं। उन्हें 8 जनवरी को कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भारत रत्न लता मंगेशकर के सम्मान में भारत सरकार ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। उनके सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुके रहे। सुश्री लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
सुश्री लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर मुंबई के शिवाजी पार्क में रखा गया, जहाँ उनके प्रशंसकों ने उनके अंतिम दर्शन किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से मुंबई पहुंचे और स्वर साम्राज्ञी को अंतिम नमन किया। इस दौरान सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर फिल्म जगत के कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने ट्विटर पर दिवंगत गायिका के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मराठी और कोंकणी संगीतकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ था। उनका मूल नाम हेमा था। यह अनुभवी गायिका आशा भोसले सहित पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक शास्त्रीय गायक और थिएटर अभिनेता थे। लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में एक मराठी फिल्म, ‘किती हसाल’ के लिए अपना पहला पार्श्व गीत रिकॉर्ड किया, और वर्ष 1942 में एक मराठी फिल्म, ‘पहिली मंगलागौर’ में अभिनय भी किया। वर्ष 1946 में, उन्होंने वसंत जोगलेकर द्वारा निर्देशित ‘आप की सेवा में’ के लिए अपना पहला हिंदी फिल्म पार्श्व गीत रिकॉर्ड किया। 1972 में, लता मंगेशकर ने फिल्म ‘परिचय’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। इसमें प्रतिष्ठित भारत रत्न, ऑफिसर ऑफ़ फ्रेंच लीजन ऑफ ऑनर का खिताब, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, चार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कार शामिल हैं। 1984 में, मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने लता मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना की, महाराष्ट्र सरकार ने भी गायन प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 1992 में लता मंगेशकर पुरस्कार की घोषणा की थी।
लताजी का निधन ह्दय विदारक- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदना व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में कहा, ”दुनिया भर के लाखों लोगों की तरह लता-जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है। भारतरत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।’ उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि, लता जी के निधन से भारत ने अपनी आवाज खो दी है, जिन्होंने अपनी मधुर और प्रभावशाली आवाज से कई दशकों तक भारत एवं दुनिया भर में संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा कि, उन्हें लता दीदी से हमेशा अपार स्नेह मिला है।
अपने ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा ”लता दीदी के गीतों में भावनाओं की विविधता थी। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के विकास को करीब से देखा।” केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी लता जी का निधन ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई असम्भव है। उनका जाना हर किसी के लिए व्यक्तिगत नुक़सान है। अन्य मंत्रियों और कलाकारों ने महान गायिका सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर दुःख और संवेदना व्यक्त की हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ब्रीच कैंडी अस्पताल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक दिन पहले ही अस्पताल में जाकर लता मंगेशकर के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।