कैट ने वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से व्यापार एवं उद्योग की एक बैठक बुलाने का आग्रह किया लघु उद्योगो को बढ़ावा देने के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार को सुनहरा अवसर भी
रायपुर (mediasaheb.com) | कॉनफेडरेशन ऑफ ऑल इंड़िया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू , प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह देव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कोरोना वायरस के कारण देश के व्यापार एवं लघु उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा की कोरोना वायरस जिसके कारण न केवल हजारों लोग मारे गए हैं, बल्कि चीन के उद्योग और वाणिज्य को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है जिसके कारण से अब भारत के व्यापार और लघु उद्योग पर अब उसका प्रतिकूल प्रभाव दिखना शुरू हो गया है। वर्तमान परिस्थितियों में चीन भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यातकर्ता देश है और आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए अगर सरकार द्वारा वैकल्पिक उपायों और घरेलू व्यापार और उद्योग को सशक्त बनाने के लिए तत्काल नीति लाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो तैयार उत्पादों, स्पेयर पार्ट्स और उद्योगों के लिए कच्चे माल हेतु चीन पर बड़ी निर्भरता भारत में व्यापार और छोटे उद्योगों को पंगु बना देगी हैं। माल की कमी के कारण कीमतों में मुद्रास्फीति भी हो सकती है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को आज भेजे गए एक पत्र में उनसे मौजूदा स्थिति को दूर करने के लिए तुरंत व्यापार और उद्योग की बैठक बुलाने का आग्रह किया है।
श्री पारवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर गौर करें तो प्रदेश में लगभग 12-14 हजार करोड़ का सालाना व्यापार चाइना से होता है, जिसमें उद्योग, इलेक्ट्रिकल, फर्नीचर, टाइल्स-सेनेटरी, मोबाइल, एलईडी का बड़ा मार्केट है। टॉप ब्रांड के अलावा नॉन-ब्रांडेड टाइल्स, बाथरूम फिटिंग, सेनेटरी सामान, लाइट खलौने, फर्नीचर, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, उपभोज्य सामान, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट का सामान , घड़ी, मोबाइल उपकरण , इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली के सामान, चिकित्सा और सर्जिकल उपकरणों, सर्जिकल सामान, फार्मास्युटिकल्स, आयरन और स्टील के अन्य लंबे उत्पाद, कम लागत वाले एयरकंडिशनर, इंजीनियरिंग सामान, रसायन, निर्माण उपकरण, रसोई के उपकरण और सामान, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, मशीनरी आइटम, कागज, स्टेशनरी आइटम, फर्टीलाइजर, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर उपकरण, सोलर पैनल, कॉस्मेटिक्स, प्लास्टिक एवं प्लास्टिक वस्तुएं और यहां तक कि अगरबत्ती बनाने के लिए बांस की छड़ें आदि अन्य अनेक सामान चीन से आयात किये जाते हैं। कुल मिलाकर दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख वस्तुओं को चीन से आयात किया जा रहा है। व्यापारियों के मुताबिक इनकी कीमत भी काफी कम होती है।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि चाइना में फैले कोरेना वायरस का कहर ही है कि छत्तीसगढ़ से चाइना के विभिन्न शहर जैसे बीजिंग, शंघाई, शूंडे, यूव्यू, गंजाऊ आदि में खरीदारी करने जाने वाले हजारो कारोबारियों ने जाने से इंकार कर दिया है। ट्रैवल्स एजेंसियों की मानें तो जनवरी से अब तक रायपुर सहित प्रदेश के कई अन्य बड़े कारोबारियों ने अपना चीन जाना रद्द किया है, हर साल बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ से कारोबारी चाइना के इकोनॉमिक शहरों में पहुंचते हैं।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि कोरेना वायरस का कहर अभी और जारी रहा तो आने वाले 3-4 महीनों के भीतर फर्नीचर, एलईडी, मोबाइल एसेसरीज, टाइल्स, सेनेटरी फिटिंग, मशीनरी आदि की कीमतों में वृद्धि हो सकती है तथा इलेक्ट्रिकल उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। कोरेना वायरस का प्रभाव उद्योगों पर पड़ रहा है। छोटे-बड़े कई उद्योग जो कि चाइना के उत्पादों पर निर्भर रहते हैं, जिसकी असेंबलिंग भारत में होती है।
श्री पारवानी ने सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को व्यापारियों और छोटे उद्योगों को अपनी उत्पादन क्षमता को मजबूत करने के लिए एवं जल्द से जल्द नये लघु उघोगों को स्थापित करने के लिये एक पैकेज प्रदान करने चाहिए, ताकि स्थानीय उद्यमी उद्योग लगाकर स्वरोजगार के साथ-साथ, स्थानीय बेरोजगार लोगो को भी रोजगार देकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाया जा सके। साथ ही हमें अन्य देशो के वस्तुयों को आयात करने की आवश्यकता न पडे़ और आपूर्ति श्रृंखला का प्रवाह न रुके। क्योंकि यह प्रदेश और देश के लिये यह एक सुनहरा अवसर है जब हम मिलकर अपने प्रदेश और देश के लघु उघोगों को बढ़ा सकते है। क्योंकि अभी चीन को करोना वायरस से निपटे में समय लगेगा। चीन में चल रहे करोना वायरस के चलते उन्हे वापस से निर्यात की वस्तुओ को तैयार करने में बहुत समय लग सकता है। और यही सही समय है जब प्रदेश और देश मिलकर लघु उघोगों को बढ़ाया जा सकता है। जिससे प्रदेश और देश के राजस्व में अधिक से अधिक बढ़ोत्री हो सकें।