धमतरी, (mediasaheb.com) स्वच्छ भारत मिशन के तहत धमतरी जिले में भी व्यापक स्तर पर स्वच्छता को लेकर कार्यक्रम किए गए। इसके तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए नगर निगम क्षेत्र में सभी घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में नीले और हरे रंग के डिब्बे का वितरण किया गया है। लोगों को गीला और सूखा कचरा पृथक-पृथक रूप से एकत्रित करने का निर्देश है। शासन द्वारा कचरे से खाद बनाने तथा इसका अन्य उपयोग करने के लिए सूखा और गीला कचरा अलग-अलग एकत्रित करने की योजना बनाई गई है। नीले डिब्बे में सूखे और हरे डिब्बे में गीले कचरे को संगठित करना है, ताकि कचरा संग्रहण में संलग्न महिला स्वास्थ्य संघ के कार्यकर्ताओं को परेशानी न हो। साथ ही गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रूप से पृथक रूप से संग्रहित हो सके। शासन के निर्देश के बावजूद अधिकांश लोग गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग न डालकर एक ही डिब्बे में एकत्रित कर रहे हैं जो कि गलत है। गीले और सूखे कचरे को अलग अलग नहीं रखने वाले लोगों के खिलाफ अब नगर निगम कार्रवाई करने जा रही है।
इसके लिए जल्दी एक टीम गठित होगी जो घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जाकर निरीक्षण करेगी कि गीले और सूखे कचरे का निपटान व्यवस्थित रूप से हो रहा है कि नहीं। यदि कोई नागरिक गीले और सूखे कचरे का निपटान एक ही डिब्बे में कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिसमें जुर्माने का भी प्रावधान है। मालूम हो कि रायगढ़ जिले में नगर निगम द्वारा शहर के दो होटलों में कचरा को पृथक रूप से न रखने पर एक होटल पर 10 हजार एक होटल पर व दो हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।नगर निगम के 40 वार्डों दो साल के दौरान 17 हजार से अधिक हरे और नीले रंग के डिब्बे कचरा कलेक्ट करने के लिए बांटे गए, जिसमें से घरों में 12 हजार तथा दुकानों में पांच हजार डिब्बे बांटे गए हैं। गुरुवार को नगर निगम के एमआईसी मेंबर व स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य हेमन्त बंजारे ने बताया कि स्वच्छता में सभी की सहभागिता जरूरी है। इसमें कोताही बरतना उचित नहीं है। इसके लिए जल्दी एक टीम गठित होगी जो दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जाकर निरीक्षण करेगी।
जो लोग सूखे और गीले कचरे का निपटान व्यवस्थित रूप से नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इन अवशिष्ट को रखा जाता है पृथक हरा डस्टबिन में गीला कचरा, जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना है और नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, , बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े आदि को डालना है। इसके अलावा बेकार कचरों की श्रेणी में आने वाले डायपर, सेनिटरी नैपकिन, पटि्टयां, टिशू पेपर, रेजर, प्रयोग में लाई हुई सीरिंज, ब्लेड, स्लाइन की बोतलें आदि को कागज में लपेटकर सूखे कचरा वाले डस्टबिन में डालना है। हि.स.