ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह का समापन
94 लोगों ने जांच, उपचार और ली सलाह
कोरबा(mediasaheb.com) अनियमित दिनचर्या, भागमभाग जिंदगी और नशे का सेवन इन वजहों से व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होता जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है। इसलिए व्यवस्थित होकर खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना और विशेषकर आंखों के प्रति सजग रहकर समय-समय पर जांच कराना चाहिए। उक्त जानकारी जिला अस्पताल कोरबा में सोमवार को नेत्र विशेषज्ञों डॉ. किशोरी लाल ध्रुव ने दी। इस दौरान 94 मरीजों की जांच, उपचार और सलाह दी गई।
ग्लूकोमा, कालामोतियाबिंद बीमारी से जागरूकता के लिए 12 मार्च से ग्लूकोमा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसका समापन 18 मार्च को जिला अस्पताल में विशेष जांच शिविर से हुई। जिले भर में आंखों की बीमारी से बचने के लिए सप्ताह भर विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में नेत्र जांच शिविर आयोजित कर 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को उचित इलाज किया गया। जिला अस्पताल के शिविर में 40 साल से उपर वाले लोगों, बच्चों के आंखों की जांच, नजर की जांच, चश्मे की जांच, आंखों की समस्या, ग्लूकोमा के लिए आई प्रेशर जांच यानि ग्लूकोमा की स्क्रीनिंग और इलाज किया गया। शिविर में कुल 94 लोगों की नेत्र जांच हुई। इनमें 40 वर्ष से अधिक वाले 56 मरीजों की ग्लूकोमा बीमारी संबंधी परीक्षण, नेत्र प्रेशर जांच हुआ और 4 लोगों को चश्मा वितरित किया गया।
जांच में 2 मरीज ग्लूकोमा के मिले।आंखों का दबाव जांच, जानी अंधत्व की स्थिति – डॉ. ध्रुव ने बताया शिविर में ग्लूकोमा बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में तो विस्तार से बताया गया। साथ ही यहां आंखों की विशेष जांच भी हुई। इनमें आंखों की दबाव की जानकारी डिजीटल और टोनॉमिटर के माध्यम से किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक आंखों में दबाव अधिक होने पर नस सुखने की संभावना रहती है। जिससे आंख के पर्दे में रक्त प्रवाह कम या न के बराबर होने के कारण दूर या पास का कुछ भी दिखाई नहीं देता है। लोग अकस्मात ही अंधत्व के शिकार हो जाते हैं।
कुछ अंतराल पर डॉक्टरी सलाह जरूरी- शिविर में डॉक्टरों , नेत्र सहायकों ने आए मरीजों को बताया कि ग्लूकोमा मुख्य रूप से मधुमेह, आनुवांशिकता, उच्च रक्तचाप व हृदय रोग आदि प्रमुख कारणों से होता है । यदि सिर और आंखों में तेज दर्द हमेशा बना रहे, चक्कर आए, उल्टी हो, टयूबलाइट या बल्ब की रोशनी चारों ओर से धुंधली दिखने लगती है, धुंधलापन, रात में दिखाई नहीं देता तो देर ना करें डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें।