कोरबा, (media saheb) छत्तीसगढ़ में लगातार डॉक्टरों के साथ हो रही हिंसा और मारपीट का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने विरोध किया। इस विरोध में बुधवार को जिले के सभी निजी अस्पतालों ने दोपहर दो बजे तक ओपीडी बंद रखा। जिसका असर पूरे शहर में देखने को मिला। निजी अस्पतालों के ओपीडी दोपहर दो बजे तक बंद रहने की वजह से मरीज भटकते नजर आए। वहीं दूर दराज से उपचार कराने पहुंचे लोगों ने निजी अस्पताल में उपचार न होने से सरकारी अस्पताल की ओर अपना रुख किया। उल्लेखनीय है कि कोरबा आद्यौगिक नगरी होने की वजह से मरीजों की संख्या अधिक है। समय पर उपचार के लिए लोग दूर दराज से भी कोरबा आते हैं। निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना चेकअप के लिए आए मरीजों को हुई। मरीज अस्पताल के बाहर भटकते हुए दिखें। हालांकि सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सुबह से चालू रहा। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद को देखते हुए विशेष व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किया था। मरीजों की परेशानी को देखते हुए जिला अस्पताल और सभी सरकारी अस्पताल की ओपीडी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहें। बता दें कि पिछले दिनों एक निजी अस्पताल में डिलेवरी के दौरान शिशु की मृत्यु हो गई थी। इसे लेकर परिजनों ने काफी हंगामा मचाया था और चिकित्सक को पुलिस चौकी में रात गुजारनी पड़ी थी।
वहीं निजी अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ घट रही घटनाओं को देखते हुए ओपीडी बन्द रखा गया। इस संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष आरके साहू ने बताया कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ हो रही कर्रवाई को देखते हुए बुधवार को ओपीडी बन्द रखने का निर्णय एसोसिएशन ने लिया था जो पूर्णरूप से सफल रहा।(हि.स.)।