नई दिल्ली (media saheb.com)। डीबीटी- राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (डीबीटी-एनबीआरसी) ने अभी हाल ही में परियोजना स्वदेश विकसित की है, जो एक विशिष्ट मस्तिष्क पहल है। यह उन प्रमाणित न्यूरोइमेजिंग, न्यूरोकेमिकल, न्यूरोसाइकोलॉजिकल डेटा और एनालिटिक्स पर केंद्रित है, जो मस्तिष्क विकारों के प्रबंधन के लिए शोधकर्ताओं के लिए सुलभ कराए गए हैं। स्वदेश पहला बड़े पैमाने वाला मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटाबेस है जिसे विशेष रूप से एक मंच के तहत विभिन्न रोग श्रेणियों के लिए बड़े डेटा आर्किटेक्चर और एनालिटिक्स के साथ भारतीय आबादी के लिए डिज़ाइन किया गया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वदेश का उद्घाटन किया था।
अल्जाइमर रोग (एडी) के अनुसंधान को मजबूत बनाने और आशाजनक उपचार के साथ वैज्ञानिक समुदाय को आगे आने में मदद करने के लिए स्वदेश एक बड़े डेटा आर्किटेक्चर है, 6 मॉड्यूल का प्रबंधन और विश्लेषण करने का प्रस्ताव करता है। इन मॉड्यूल के नाम हैं- न्यूरोडिजेनेरेटिव [एडी, हल्की संज्ञानात्मक हानि (एमसीआई), पार्किंसंस रोग (पीडी)], न्यूरोसाइकिएट्रिक (सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर विकार), न्यूरोडेवलपमेंटल (ऑटिज़्म और मिर्गी), कोविड -19 से संबंधित बीमारियां अन्य विकार और स्वस्थ विषय।
स्वदेश जावा- आधारित वर्कफ़्लो वातावरण और पायथन से युक्त है। इसमें समर्पित भंडारण लगा है जो इसे गुणवत्ता नियंत्रण, डेटा विश्लेषण रिपोर्ट और डेटा बैकअप उपलब्ध कराता है। इसके विकास से पूरी दुनिया में मल्टी-साइट डेटा और सहयोगी अनुसंधान के एकीकरण में मदद मिलेगी। वर्तमान में, स्वदेश में 500 एडी और एमसीआई रोगियों और 70 पीडी रोगियों का डेटा है। 600 स्वस्थ वृद्ध व्यक्तियों और 800 स्वस्थ युवा व्यक्तियों के डेटा भी नियंत्रण इसके समूह में शामिल हैं।
डीबीटी-एनबीआरसी ने स्वदेश के माध्यम से कई नैदानिक अनुसंधान उपकरण भी विकसित किए हैं। गौरी प्रणाली अनुकूल पैटर्न पहचान और शिक्षण योजनाओं का उपयोग करती है, जिसे एमआरआई तौर-तरीकों और न्यूरोसाइकोलॉजिकल बैटरी के साथ एकल या विभेदक निदान के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनआईएनएस-एसटीएटी एक उच्च कार्य प्रदर्शन वाला अति आधुनिक स्वचालित सांख्यिकीय परीक्षण चयन है जो सॉफ्टवेयर पैकेज के निष्पादन के लिए नैदानिक अनुसंधान में उच्च उपयुक्तता से युक्त है। कल्पना एमआरएस डेटा के विज़ुअलाइज़ेशन, प्रीप्रोसेसिंग और परिमाणीकरण के लिए एक एकीकृत पैकेज है। प्रतीक मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटा का विश्लेषण करता है और डेटा के प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए विभिन्न न्यूरोइमेजिंग टूल को संभालने में भी विशेषज्ञता की जरूरत को कम करता है। स्टिमुलस टाइमिंग इंटीग्रेटेड मॉड्यूल (एसटीआईएम) में एक बहुमुखी प्रतिमान डिजाइन प्रणाली, प्रस्तुति प्रणाली और कार्यात्मक एमआरआई-संबंधित उद्देश्यों के लिए वास्तविक समय प्रतिभागी प्रतिक्रिया-संग्रह प्रणाली लगी है, जिसमें सामान्य स्वस्थ स्थिति में गैर-आक्रामक रूप से मस्तिष्क की गतिविधियों की मेपिंग तथा मस्तिष्क की विभिन्न बीमारियों का नैदानिक मूल्यांकन शामिल हैं। डीबीटी-एनबीआरसी ने भारत लॉन्च किया है जो एडी के शुरुआती डायग्नोस्टिक बायो मारकर के लिए एक बड़ा डेटा विश्लेषणात्मक मॉडल है। इसके डिजायन में हडूप-आधारित बड़ा डेटा ढांचा शामिल था। टीम इंटिग्रेटिंग एमआरआई, एमआरएस और न्यूरो साइकोलॉजिकल टेस्ट आंकड़े शामिल हैं। उनकी टीम स्वस्थ और रोगग्रस्त मामलों के लिए समृद्ध मल्टीमॉडल डेटा सेट्स शामिल करने के लिए इस परियोजना के विस्तार के बारे में काम कर रही है।
इस पहल पर एनबीआरसी को बधाई देते हुए, विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने कहा, “मस्तिष्क एक जटिल अंग है और स्वास्थ्य और रोगों में इसकी विस्तृत कार्यक्षमता की पूरी पहचान करना अभी बाकी है। स्वदेश जैसे डेटा बेस अल्जाइमर रोग और कई तंत्रिका संबंधी विकारों को समझने के लिए मल्टीमॉडल मस्तिष्क अध्ययन करने में उपयोगी होने चाहिए।
डीबीटी के बारे में
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में अपने विकास और कार्यान्वयन के माध्यम से देश में जैव प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देता है और सुधार करता है।
एनबीआरसी के बारे में
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र भारत का ऐसा एकमात्र संस्थान है, जो न्यूरो साइंस, अनुसंधान और शिक्षा के लिए समर्पित है। एनबीआरसी के वैज्ञानिक और छात्र जैविक, कम्प्यूटेशनल, गणितीय, भौतिक, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान सहित विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आते हैं और मस्तिष्क के रहस्यों को जानने के लिए बहु-विषयी दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं। (For English News : thestates.news)