गे्रजुएशन के बाद ड्रॉप लेकर की नीट की तैयारी, दूसरे अटेम्ट में एग्जाम क्लीयर करके डॉक्टर बनेगी सुषमा
भिलाई.(mediasaheb.com) एक पुरानी कहावत है जब जागे तभी सवेरा। कुछ ऐसा ही हुआ यूपी के बलिया जिले के पिछड़े गांव दिलमनपुर में रहने वाली सुषमा खरवाल के साथ। बचपन से डॉक्टर बनने का सपना संजोया था, लेकिन डॉक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी हैं ये बताने वाला उन्हें कोई नहीं मिला। 12 वीं बोर्ड के बाद पैरेंट्स की सलाह पर बीएससी में एडमिशन ले लिया। डॉक्टर बनने की ख्वाहिश मन में हिचकोले मारती रही। इसी बीच ग्रेजुएशन भी पूरा हो गया। एक दिन यूं ही भिलाई में रहने वाले नाना जी से कहा कि नीट की तैयारी करनी है। उन्होंने हामी भर दी। सुषमा ने बताया कि एक साल का ड्रॉप लेकर मैंने नीट का एग्जाम दिया भी और क्वालीफाई भी कर लिया। अब बीएससी के बाद मैं एमबीबीएस की पढ़ाई करूंगी। यूपी के जिस गांव से मैं आती हूं वहां आसपास के गांव में किसी लड़की ने आज तक न ही नीट क्वालिफाई किया और न ही किसी ने डॉक्टरी की पढ़ाई की है। मेरी सफलता उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जिनके सपने घर की चार दीवारों में दफ्र हो जाते हैं। ऐसी ही लड़कियों की मदद करने के लिए एमबीबीएस के बाद मैं गायनोकोलॉजिस्ट बनकर उनका मार्गदर्शन करना चाहती हूं।
कुछ लोगों ने कहा देर हो गई पर मैंने कर दिया अनसुना
जब नीट की तैयारी का दोबारा ख्याल मन में आया तब तक मैं ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी थी। सुषमा ने बताया कि कई लोगों ने कहा काफी देर हो गई है। बेवजह समय बर्बाद मत करो पर मैंने उन सभी लोगों की बातों को अनसुना कर दिया। इस बीच पैरेंट्स ने भी मुझे नीट की तैयारी के लिए मोटिवेट किया। कोचिंग करने के लिए यूपी से सीधे छत्तीसगढ़ के भिलाई पहुंच गई। शुरूआत में अपने से कम उम्र के बच्चों के साथ कोचिंग में पढऩा थोड़ा अटपटा लगा, लेकिन मन में संकल्प था। एमबीबीएस की सीट हासिल करके ही घर लौटना है इसलिए कभी हार नहीं मानी।
टीचर्स के नोट्स पर था पूरा भरोसा
सुषमा ने बताया कि सचदेवा कोचिंग के बारे में उनके नाना ने बहुत सुना था। इसलिए एडमिशन वहीं कराया। सचदेवा के टीचर्स के नोट्स बेहद सटीक और सरल होते हैं। इसलिए मुझे पढऩे में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। बीएससी में काफी कुछ विषय पढ़ा था इससे बेसिक मजबूत हुआ। टीचर्स हर दिन मुझे मोटिवेट करते थे कि क्या हुआ तुम देरी से आई पर तुम सफलता अर्जित कर सकती हो। लॉकडाउन में भिलाई छोड़कर वापस यूपी लौटना पड़ा। ऑनलाइन पढ़ाई के साधन के अभाव में मैंने केवल सचदेवा के टीचर्स के नोट्स पर भरोसा करके सेल्फ स्टडी की।
चिरंजीव जैन सर कहते थे उस वक्त को महसूस करो जब आप डॉक्टर बनोगे
सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के डायरेक्टर चिरंजीव जैन सर की काउंसलिंग को कोई जवाब ही नहीं है। इतने सरल अंदाज में बड़ी-बड़ी बातें समझा देते थे कि कुछ और सोचने का मन ही नहीं करता था। एक दिन काउंसलिंग क्लास में उन्होंने कहा कि तुम उस वक्त को महसूस करो जब डॉक्टर बनोगे। तुम्हारे पास लोग दर्द का इलाज करवाने के लिए आएंगे। जब तुम्हारी ट्रीटमेंट से ठीक होकर घर लौटेंगे तो उनकी जुबान पर केवल तुम्हारा नाम होगा। उनकी ये बातें उस दिन ब्रह्म वाक्य बन गई। मैंने तय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो एप्रान तो पहनकर ही दम लूंगी। आखिरकार वही हुआ जो तय किया था। इस साल जो बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं उनसे यही कहूंगी की लाइफ में देर कभी नहीं होती। अगर आपके अंदर जुनून है तो कोई सपना अधूरा नहीं रहेगा।.(the states. news)