पढि़ए जीवन में कभी हार नहीं मानने वाली तृप्ति की कहानी
भिलाई(mediasaheb.com) जांजगीर चांपा जिले के चंद्रपुर में रहने वाले सीता राम देवांगन ने कोरोनाकाल में कोसा सिल्क का काम करने वाले गरीब बुनकरों को हथकरधा उद्योग से जोड़कर जहां एक ओर नई जिंदगी दी, तो दूसरी ओर उनकी 19 साल की बेटी तृप्ति डॉक्टर बनकर समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करेगी। तृप्ति ने अपने दूसरे प्रयास में नीट क्वालिफाई करके जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है। तृप्ति कहती है कि समाज में एक तबका ऐसा है जो गरीबी के कारण मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं से भी वंचित रह जाता है। मामूली बीमारी भी इनके लिए जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए बचपन से ऐसे लोगों की सेवा के लिए डॉक्टर बनने का सपना देखा। ताकि बड़ी होकर डॉक्टर बनकर पीडि़त मानवता की सेवा कर सकूं। हमारे समाज में डॉक्टर को आज भी भगवान का दर्जा दिया जाता है। मैं भगवान तो नहीं बनना चाहती लेकिन मेडिकल की पढ़ाई करके एक अच्छी संवेदनशील डॉक्टर जरूर बनना चाहती हूं। जिसकी शुरूआत हो चुकी है।
डॉक्टर ही बनना है ये संकल्प लेकर दिन रात पढ़ाई की
तृप्ति ने बताया कि उन्होंने दसवीं कक्षा में ही डॉक्टर बनने का संकल्प ले लिया था। 11 वीं में जब बायो लेकर पढऩा शुरू किया तो इंटरेस्ट और भी ज्यादा बढऩे लगा। पहले प्रयास में असफल होने के बाद एक साल ड्रॉप लेकर तैयारी की। कोचिंग के अलावा हर रोज पांच से छह घंटे सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। तृप्ति ने बताया कि अगर वह दूसरे प्रयास में भी असफल हो जाती तो फिर से तीसरा प्रयास करने के लिए खुद को मेंटली प्रिपेयर किया था। क्योंकि डॉक्टर के अलावा और कोई प्रोफेशन मुझे मंजूर नहीं था। मुझे पता था कि भले ही कितने बार भी मैं फेल हो जाऊं लेकिन एक दिन सफलता जरूर हासिल करूंगी। इसी दृढ़ संकल्प और विश्वास की बदौलत मैं नीट जैसी कठिन परीक्षा पास कर पाई।
सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज भिलाई में क्रैश कोर्स से कम समय में काफी कुछ सीखने मिला। तृप्ति ने बताया कि 12 वीं बोर्ड के बाद ही उन्होंने सचदेवा से क्रैश कोर्स किया था। कम समय में बेहतर टाइम मैनेजमेंट की सीख यहां के टीचर्स से मिली जो एग्जाम में काफी काम आया। सलेक्टिव स्टडी मटेरियल के अलावा हर दिन टीचर्स का मोटिवेशन हमें कभी निराश नहीं होने देता था। यही कारण है कि ड्रॉप इयर में भी मैं बिना डिप्रेशन के पढ़ाई कर पाई।
काउंसलिंग वीडियो देखकर मिली आगे बढऩे की प्रेरणा
सचदेवा में क्रैश कोर्स के दौरान चिरंजीव जैन सर की कई काउंसलिंग वीडियो हमें बीच-बीच में दिखाई जाती थी। तृप्ति ने बताया कि एक वीडियो में जैन सर पीएससी की तैयारी करने वाली लड़की से बात कर रहे थे। वो बार-बार अपनी असफलता से निराश होकर टूट गई थी। जैन सर ने उससे कहा कि कभी दीवार पर चढ़ रही चीटी को देखा है वो बार-बार गिरती है पर चढऩा नहीं छोड़ती। तुम दिल लगाकर एक और कोशिश करो सफलता जरूर मिलेगी। उस वीडियो को देखकर सच में मैं खुद को चीटी समझकर नीट परीक्षा के पहाड़ को पार करने की कोशिश में जुट गई। आज जब भी उनकी ये बातें याद करती हूं तो लगता है कि पढ़ाई के दौरान काउंसलिंग कितना जरूरी है। इस साल जो बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं उनसे बस इतना ही कहूंगी कि समय कम है इसलिए रिविजन पर पूरा फोकस करें।(the states. news)