रायपुर (mediasaheb.com) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल
इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष
मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) शीघ्र ही विदेशी ई-कॉमर्स
दिग्गजों के द्वारा लगातार की ना रही मनमानी और दमनकारी व्यापारिक प्रथाओं के
खिलाफ एक आक्रामक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है जो डट
कर बड़ी ई कॉमर्स कम्पनियाँ जो देश के 80 लाख करोड़ रुपये के खुदरा व्यापार पर कब्जा जमाने
के खिलाफ देश भर में मजबूती से विरोध करने की योजना पर तेजी से काम कर रहे हैं। इस
अभियान को सफल बनाने हेतु देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेता 8 फरवरी से 10 फरवरी तक कैट द्वारा
नागपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में भाग लेंगे। इस
राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के नेता जीएसटी के सरलीकरण कराने को लेकर एक रणनीति
भी बनाएँगे जिसमें देश भर में भारत व्यापार बंद करने पर भी निर्णय ले सकते हैं।
जीएसटी कार्यान्वयन के समय घोषित बुनियादी सिद्धांतों के ठीक विपरीत एक जटिल
और कर प्रणाली बन गई है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि
देश के व्यापारी किसी भी विदेशी या घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन निश्चित रूप
से लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना , गहरी छूट, हानि वित्तपोषण, ब्रांडों की बिक्री केवल अपने पोर्टल पर, इन्वेंट्री को
नियंत्रित करना तथा किस देश का सामान बेच रहें हैं की जानकारी को छिपाना जैसी
विकृतियों को अपना रहे हैं। श्री पारवानी ने कहा, हम इसे और बर्दाश्त
नहीं करेंगे और हम ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों को या तो भारत के कानून का पालन
करने अथवा अपना व्यापार भारत से समेट का अपने मूल देश जाने के लिए बाध्य
करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे । देश भर में 8.5 करोड़ व्यापारी इस तरह के ई-कॉमर्स दिग्गजों
को इस हेतु मजबूर कर देंगे । इस विषय में आगामी कदमों की घोषणा लेने 9 फरवरी, 2021 को की जाएगी।
कैट ने कहा की हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा इस दिशा में अब
तक किए गए शानदार काम की सराहना करते हैं और उनके द्वारा कैट को आश्वस्त किया है
कि एफडीआईं नीति के तहत एक नया प्रेस नोट जल्द ही जारी किया जाएगा, जो प्रेस नोट 2 की सभी विसंगतियों
और विकृतियों को दूर कर इन ई कॉमर्स कम्पनियों के नीति का उल्लंघन करने के सभी
रास्तों को बंद करेगा। ताजा प्रेस नोट सभी हितधारकों के लिए एक समान स्तर का
प्रतिस्पर्धी प्रदान करेगा जो भारतीय ई-कॉमर्स परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव
लाएगा।
श्री पारवानी ने यह भी कहा कि जीएसटी सबसे अच्छी कराधान
प्रणाली है क्योंकि जीएसटी में बड़ी संख्या में करों को घटाया गया है, लेकिन वर्तमान
परिदृश्य में, जीएसटी व्यापारियों पर उच्च अनुपालन बोझ डालते हुए एक अत्यधिक
जटिल कर प्रणाली बन गई है, जो कभी नहीं थी। जीएसटी चार साल बाद भी जीएसटी पोर्टल स्थिर
नहीं हो सका और व्यापारियों के सिर पर अपना सब कुछ डाल देना एक फैशन बन गया है।
देश भर के व्यापारियों में गहरा आक्रोश और आक्रोश है। सम्मेलन में व्यापार जगत के
नेताओं ने जीएसटी पर एक गंभीर बहस की और रणनीति तैयार करेंगे कि कैसे जीएसटी के
सरलीकरण के लिए सरकार के कानों में घंटी बजती है और स्थिति को देखते हुए व्यापार
नेता हो सकते हैं। भारत व्यापार बंद के आयोजन के लिए भी अन्य कदम उठाने के लिए।(the states. news)
ई कॉमर्स और जीएसटी पर कैट शुरू करेगा एक राष्ट्रीय अभियान कल से नागपुर में कैट का तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन
