रायपुर, (mediasaheb.com) काॅन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन द्वारा आज एमएसएमई सेक्टर को दिए गए आर्थिक राहत पैकेज पर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की वित्त मंत्री ने बाजार को पैसे की तरलता से भर देने का आश्वासन ही नहीं दिया बल्कि एमएसएमई सेक्टर के लिए मजबूत योजनाएं घोषित की है। कैट ने कहा की देश की बिगड़ती हुई अर्थव्यवस्था को करोना वायरस के लॉक डाउन के कारण कोमा में जाने से पहले ही आर्थिक पैकेज का स्ट्राइड इंजेक्शन सरकार ने लगा दिया है। आज की घोषणाओं से मृत्यु शैया पर जाने से पहले ही अर्थव्यवस्था खड़ी हो जाएगी और अर्थव्यवस्था पटरी पर आकर तेजी से दौड़ने लगेगी।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा की आज वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से यह निश्चित लगता है की इसी तर्ज पर वित्त मंत्री इस श्रंखला में अब रिटेल व्यापार के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करेंगी ! देश में 7 करोड़ व्यापारी हैं जो लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं और वर्तमान लॉक डाउन से सबसे ज्यादा व्यापै विपरीत रूप से प्रभावित हुए हैं और इसलिए अब वित्त मंत्री की ओर देख रहे हैं !
श्री पारवानी ने कहा की जिस तरीके से अर्थव्यवस्था के सभी स्तंभों को प्रोत्साहित किया है और वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है इससे बाजारों में पैसे की तरलता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।
सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों को 45 दिन के अंदर सारे बिलों का भुगतान करवाना, बैंकों द्वारा अतिरिक्त कर्ज बगैर कॉलेटरल सिक्योरिटी के उपलब्ध कराना तथा ई टेंडरिंग 200 करोड़ रुपए तक की स्थानीय लोगों को मिले उसके प्रावधान करना, ई मार्केट के माध्यम से विदेशों में एग्जीबिशन प्रदर्शनी में हिस्सा करना, यह स्पष्ट रूप से बताता है की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल अपने सम्बोधन में जो कहा था उसी के अनुरूप सारे निर्णय हो रहे हैं। बाजार में अलग अलग नाम से पैसों की तरलता लाने की जो बात कही है, यह भी अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम है।
श्री पारवानी ने कहा की एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा कर्ज मुहैया कराने के लिए उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने के माध्यम से बाजारमें पैसा आएगा। टीडीएस की दरें घटाना, प्रोविडेंट फंड में पैसे की कटौती करवाना, सरकार द्वारा रिफंड में पैसे देना, यह सारी घोषणाएं निश्चित रूप से पैसे की तरलता बाजार में लाएगी जिससे भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में बने, यह कदम सरकार द्वारा उसी दृष्टि से उठाये गए हैं।
श्री पारवानी ने कहा की व्यापारियों को उम्मीद थी की जीएसटी की कोई अभय योजना सरकार घोषित करेगी। 1 जुलाई 2017 से जो भी गलतियां या भुगतान की कमी जीएसटी में की गई है, उसका कोई समाधान कारक योजना घोषित होगी। ऐसी कोई योजना घोषित नहीं होने से व्यापारियों में मासूमियत महसूस की गई। कैट को उम्मीद है की वित्त मंत्री द्वारा की जाने वाली आगामी घोषणाओं में यह अवश्य शामिल होंगे ।