कैलिफोर्निया, (mediasaheb.com) गूगल की पैरंट कंपनी एलफाबेट इंक में नियुक्तियों की प्रक्रिया को कम कर दिया जाएगा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को मेमो के द्वारा सूचित कर इस बात की जानकारी दी।
गूगल के प्रवक्ता ने बताया कि छोटी संख्या में सामरिक इलाकों में गति बनाए रखने के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया को कम कर दिय जाएगा। साथ ही उन लोगों को भी ध्यान में रखा गया है जिनकी नियुक्ति तो हो गई है लेकिन उन्होंने काम शुरू नहीं किया है।
सीईओ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को सूचित करते हुए कॉस्ट कटिंग के अन्य क्षत्रों पर बल देते हुए कहा है कि कंपनी इस बात पर फिर से विचार करेगी कि डेटा सेंटर, मशीन, नॉन बिजनस एसेंशियल मार्केटिंग कर कितना निवेश किया गया है।
साल 2019 के अंत में एलफाबेट इंक में 118,899 लोगों को फुलटाइम रोजगार दिया गया था।
इस घोषणा से पता लगता है कोरोना से आर्थिक मंदी शुरू हो गई है। इसका प्रभाव अमीर कंपनियों पर भी पड़ रहा है। सबसे अमीर माइक्रोसॉफ्ट टेक कंपनी ने भी नियुक्तियों की प्रक्रिया को रोक दिया है।
अगर उन कंपिनयों से गूगल की तुलना करे जो बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाल रही है तो गूगल में वर्तमान कर्मचारियों स्थिति अच्छी है। पर एड में कमी आने के कारण कंपनी के रिवेन्यू पर असर पड़ रहा है। क्योकि एड आय का प्रमुख स्त्रोत हैं। कोरोना संकट का सबसे अधिक प्रभाव रिटेल और ट्रैवल क्षेत्र पर अधिक पड़ा है।
सुंदर पिचाई ने यह भी कहा कि आर्थिक मंदी का प्रभाव सब पर पड़ा है और गूगल और एलफाबेट इंक इससे बचे हुए नहीं है। उन्होंने कहा कि हम साझेदारी और आंतरिक तौर पर जुड़े व्यापर के परिस्थिति तंत्र (इकोसिस्टम) में मौजूद हैं, जिनमें से कई लोग दर्द झेल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ऐसा बहुत कम हुआ है जब कंपनी के द्वारा इस प्रकार के कड़े निर्णय लिए गए हों। साल 2009 में वित्तीय संकट के तहत कुछ नौकरियों में कटौती की थी लेकिन, हाल ही के सालों में लोगों को काम पर रखने की होड़ में 20000 से अधिक लोगों की पिछले साल नियुक्ति हुई।
जबसे कोरोना संकट की शुरुआत हुई है तब से गूगल ने ग्रांट और कस्टमर क्रेडिट में 800 मिलियन डॉलर की पेशकेश की है और 4000 से अधिक क्रोमबुक लैपटॉप स्कूलों को दान दिए हैं। साथ ही कोरोना के कारण स्टाफ को घर से काम करने के लिए भी कहा है। (हि.स.)।