कैट सी.जी. चैप्टर न प्रिंसीपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ) जोन को आयकर संबधित ज्ञापन सौंपा
रायपुर, (mediasaheb.com) कॉन्फेडरेशन ऑफ इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि आज कैट के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधी मंड़ल ए.के. चैहान प्रिंसीपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स
(मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) जोन से मुलाकात कर आयकर हेतु सुझाव दिया । जो निम्नानुसार है:-
1. टैक्स ऑडिट:- अगर व्यापारी का टर्नओवर यानी बिक्री और खरीदी दोनों ही पूरी तरह से डिजिटल फॉरमेट में है तो उनको 5 करोड़ तक के टर्नओवर होने पर आयकर ऑडिट नही करवाने जी जरूरत है, इसमें नगदी लेनदेन 5 प्रतिशत से ज्यादा नही होना चाहिए। अगर 5 प्रतिशत से ज्यादा किसी भी प्रकार का नगद में लेनदेन है तो वो व्यापारी इस प्रावधान का लाभ नही ले पाएगा। अतः आपसे अनुरोध है कि 5 प्रतिशत की सीमा को हटाया जाना चाहिए। तब जाके वास्तविकता में छोटे व्यापारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा, क्योकि छोटे व्यापारी नगद मेे ही अधिक व्यवहार करते है।
2. टी.सी.एस. में बहुत भारी बदलाव:- व्यापारिक दृष्टिकोण से एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है कि जो भी व्यापारी 10 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर करता है एवं किसी भी एक व्यापारी को 50 लाख से ज्यादा का माल बेचता है। तो उसे उस व्यापारी की 0.1 प्रतिशत से उसका कर काटकर सरकार को जमा करना पड़ेगा। उसी प्रकार टूर एवं ट्रेवल्स की स्थिति में 5 प्रतिशत की दर रखी गई है जो व्यवहारिक नहीं है, अतः आपसे अनुरोध है कि इस प्रकार के कर को हटाया जाना चाहिए। इससे आने वाले समय में व्यापारी वर्ग को बहुत सारे अनुपालन (बवउचसपंदबम) तो करने ही पड़ेंगे एवं साथ ही साथ कार्यशील पूंजी अलग जाम हो जाएगी।
5 प्रतिशत की राशि बहुत बड़ी रकम होती है, ग्राहकों से इतनी रकम एक्स्ट्रा लेना एवं सरकारी खजाने में जमा करना व्यापारी वर्ग के लिए इतना आसान नही होगा। इससे ट्रेवल उद्योगों एवं 10 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारी को उपरोक्त नये कर प्रणाली के कारणो से नुकसान होने की ज्यादा आशंका है।
3. न्यू टैक्स स्लैब:- बजट में इस वर्ष आयकर को दो प्रकार की रेजीम में बांटा गया है, जिसमें प्दकपअपकनंस एवं भ्न्थ् को दोनों रेजीम में से किसी भी एक रेजीम को चुनने का विकल्प दिया गया है, परंतु इसमें एक प्रावधान में व्यापारी वर्ग के साथ भेद भाव किया जा रहा है।
ैमबजपवद 115इंब के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति नई स्कीम का चुनाव करता है और उसकी आय में इनेपदमेे ंदक चतवमिेेपवद से आय है तो उसको यह विकल्प सिर्फ एक ही बार चुनने का अधिकार है उसके बाद वो व्यक्ति अगर पुरानी रेजीम में जाना चाहे तो नही जा सकता जब तक उसकी आय में इनेपदमेे ंदक चतवमिेेपवद से इनकम आ रही है, ऐसे व्यक्ति को लाइफटाइम में सिर्फ एक ही बार वापस पुरानी रेजीम में आने का प्रावधान है। यह भेदभाव व्यापारी वर्ग के साथ नही होना चाहिए।
जिस प्रकार बाकी लोगों को यह विकल्प हर साल अपने हिसाब से चुनने का प्रावधान है उसी प्रकार व्यापारी वर्ग को भी हर साल यह चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
4. सी.पी.सी. के द्वारा काफी मात्रा में आॅनलाईन छोटे करदाताओं को नोटिस जारी किये गये है।
ऐसे नोटिसों के समाधान बहुत समय से लंबित पड़े हैं क्योंकि आज कल पूरी प्रणाली ऑनलाइन हो चुकी है जिसकी वजह से कई बार जवाब देने पर भी कई मामले लंबित रह जाते हैं, अतः आपसे निवेदन है कि इस तरह के मामलों के लिए सी.पी.सी. के द्वारा एक सरल समाधान योजना लाई जानी चाहिए या कोई कैम्प आयोजित की जानी चाहिए जिसमें आयकर अधिकारी, व्यापारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं कर सलाहकार सब उपस्थित रहें एवं नोटिस का जवाब जमा हो जाए एवं मामले का निराकरण भी हो जाए।
5. 20 प्रतिशत का टारगेट:- पूर्व वर्ष की तुलना में कर एकत्रित की सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाया गया है। वर्तमान समय में व्यापार एवं उद्योग आर्थिक मंदी से जूझ रहे है। अतः आप से अनुरोध है, कि उपरोक्त टारगेट को पूरा करने के लिए 31 मार्च तक किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए एवं जहां संदेह कि स्थिती हो वही पर सर्च व सर्वे किया जाना चाहिए।
ए.के. चैहान ने ज्ञापन का अवलोकन करते हुए मंच पर कहा कि सी.पी.सी. की समस्याओं लिए मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ के हर कमिश्नरेट में एक अधिकारी कि नियुक्ति हो चुकी है। व्यापारी इसका लाभ ले सकते हैं। साथ ही उन्होनें कहा कि अन्य मांगो को वित्त मंत्रालय में सबंधित विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए प्रेषित किया जायेगा।
ए.के. चैहान प्रिंसीपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स MP_CG जोन से मुलाकात में कैट पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे:- अमर पारवानी, मगेलाल मालू, जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, राम मंधान, सुरिन्दर सिंह, जितेन्द्र गोलछा , राकेश अग्रवाल एंव सीए रवि ग्वालानी आदि।