रायपुर, (mediasaheb.com) छत्तीसगढ़ सरकार (#Chhattisgarh Govt.) द्वारा राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) की बैलाडीला लौह अयस्क खदान की लीज 20 वर्षों के लिए बढ़ा दी गई है। लीज बढ़ाते हुए यह शर्त भी रखी गई है कि एनएमडीसी (#NMDC) द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य (#Chhattisgarh State ) में संचालित लौह अयस्क आधारित उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर बनी रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (#CM Bhupesh Baghel ) से पिछले माह एनएमडीसी के चेयरमैन और सीएमडी एन बैजेंद्र कुमार(#CMD– N.Bajendra kumar ) ने रायपुर(#Raipur ) में मुलाकात कर उनसे लीज बढ़ाने का आग्रह किया था।
मैसर्स एनएमडीसी(#NMDC) भारत सरकार (#Bharat Sarkar ) का शासकीय उपक्रम है। जिला कार्यालय दंतेवाड़ा के प्रतिवेदन के अनुसार आवेदित क्षेत्र में लौह अयस्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए जिला दक्षिण बस्तर (#Bastar ) दंतेवाड़ा की तहसील कुआकोंडा स्थित बैलाडीला डिपॉजिट नंबर 14 एनएमज़ेड कंपार्टमेंट नंबर 626,627, 638,639 और 640 के कुल रकबा 506.742 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज लौह अयस्क के स्वीकृत खनिपट्टा को मेसर्स नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के पक्ष में खनिज (सरकारी कंपनी द्वारा खनन) नियम 2015 के परिपेक्ष में 20 वर्ष के लिए 7 दिसंबर 2015 से 6 दिसंबर 2035 तक (कुल अवधि 70 वर्ष) के लिए कुछ शर्तों के साथ विस्तारित किया गया है।
एनएमडीसी (#NMDC ) को एमएमडीआर एक्ट 1957, वन संरक्षण अधिनियम 1960, वन,पर्यावरण अधिनियम 1980 के तहत सभी नियमों और निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
इसी तरह खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम 2016 के नियम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित लौह आधारित उद्योगों को उनके आवश्यकतानुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर बनाए रखी जानी होगी। खनि पट्टा स्वीकृत आदेश दिनांक 20 अप्रैल 1965 एवं नवीनीकरण आदेश दिनांक 29 जून 2002 में उल्लेखित अन्य शर्तें यथावत लागू रहेंगी। (हि.स.)।