काॅन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंड़िया टेªड़र्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि देश भर में व्यापारिक समुदाय अमेजॅन, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ जो कानून को दरकिनार कर सरकार की एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 का उल्लंघन कर रहीं हैं के खिलाफ एक आक्रामक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कैट के तत्वाधान में नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में देश के 27 राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने एक स्वर से कहा की हम अमेजॅन, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि ये कंपनियां देश भर में 7 करोड़ से अधिक व्यापारियों और भारत के ई-कॉमर्स बाजार को विकृत करने तथा देश के खुदरा व्यापार को नष्ट करने पर आमादा है । ट्रांसपोर्टर्स, किसानों, छोटे उद्योगों, उपभोक्ताओं, हॉकरों, स्व-नियोजित समूहों, महिला उद्यमियों और अन्य लोगों सहित खुदरा व्यापार के अन्य क्षेत्र के प्रमुख नेताओं ने भी सम्मेलन में भाग लिया और कैट को अपना मजबूत समर्थन देते हुए इस देशव्यापी आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि अमेजॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन 13 नवंबर, 2019 से शुरू होगा और 10 जनवरी, 2020 तक जारी रहेगा।
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, अल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एल्युमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर्स, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स मर्चेंट्स एसोसिएशन, टॉयज एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ड्रग डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिकल गुड्स एंड अप्लायंस एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ हार्डवेयर मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित देश के 40 हजार व्यापारी संगठन कैट के नेतृत्व में इस आंदोलन में शामिल होंगे ।
श्री पारवानी ने कहा कि सम्मेलन ने एकमत से कहा की अब इस मामले में प्रधानमंत्री श्री मोदी के हस्तक्षेप का समय आ गया है और प्रधानमंत्री के स्पष्ट दृष्टिकोण की देश के कानून और सरकार की नीति का अक्षरशः पालन सभी के लिए अनिवार्य है के तहत इन कंपनियों को भी पालन करने के लिए बाध्य करना जरूरी है । इस मुद्दे पर कैट शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय मांगेगा । यह महत्वपूर्ण और ज्वलंत मुद्दा देश के घरेलू व्यापार और छोटे उद्योगों को गहराई से प्रभावित करते हैं जो सरकार के लिए प्रमुख राजस्व एकत्र करने का सबसे बड़ा जरिया है ।
श्री पारवानी ने बताया कि सम्मेलन ने एक स्वर में कहा कि यह किसी भी कीमत पर किसी भी अन्य ईस्ट इंडिया कंपनी को देश में उभरने नहीं देगा और भारत के खुदरा व्यापार को ई-कॉमर्स कंपनियों के अनैतिक प्रकोप से बचाएगा जिनकी कुप्रथाएँ लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना और अनैतिक भारी डिस्काउंट देश के खुदरा व्यापार के लिए बेहद घातक साबित होगा। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां वास्तव में कोई व्यापार नहीं कर रही हैं बल्कि अपने निजी इक्विटी या वेंचर कैपिटलिस्ट निवेशकों के इशारों पर एक वैल्यूएशन खेल में लिप्त हैं जो देश के घरेलू व्यापार के ताने बाने को विकृत कर रहा है। भारत में खुदरा व्यापार 7 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों द्वारा संचालित किया जाता है, जो लगभग 45 लाख करोड़ रु का सालाना कारोबार करते हैं और यह क्षेत्र देश में लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार देता है।
श्री पारवानी ने बताया कि सम्मेलन ने 13 नवंबर से अपने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एक आक्रामक रोडमैप तैयार किया है और 13 नवम्बर को देश भर में राष्ट्रीय जागरूकता अभियान दिवस के रूप में मनाया जाएगा और व्यापारी प्रतिनिधिमंडल देश के सभी लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे और उन्हें संसद में इस मुद्दे को उठाने और सरकार से इन ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करने की मांग करेंगे । 20 नवंबर को एक राष्ट्रीय विरोध दिवस आयोजित किया जाएगा और देश के सभी राज्यों के 500 से अधिक शहरों में जिसमें सभी प्रदेशों की राजधानियां शामिल हैं पर विरोध धरने होंगे जिसमें लगभग 5 लाख व्यापारी भाग लेंगे । 25 नवम्बर को राष्ट्रीय विरोध मार्च दिवस मनाते हुए देश के 500 से अधिक जिलों में व्यापारी विरोध मार्च आयोजित होंगे जिसमें देश भर में लगभग 10 लाख व्यापारी व्यापारी मार्च में भाग लेंगे और अपने-अपने जिला कलेक्टरों को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे। 2 दिसंबर को राष्ट्रीय व्यापारी रैली दिवस मनाते हुए विभिन्न राज्यों के 1000 से अधिक शहरों में व्यापारी रैली आयोजित होंगी जिसमें देश भर में लगभग 20 लाख व्यापारी को ऐसी रैलियों का हिस्सा बनेंगे। कैट प्रतिनिधिमंडल उसी दिन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक ज्ञापन भी सौंपेगा।
श्री पारवानी ने कहा कि आंदोलन को जारी रखते हुए 11 दिसंबर को नई दिल्ली में व्यापार बचाओ-व्यापारी बचाओ रैली का आयोजन किया जाएगा जिसमें देशभर के हजारों व्यापारी भाग लेंगे। राष्ट्रव्यापी आंदोलन के पहले चरण का समापन 6 से 8 जनवरी को नई दिल्ली में एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी महासम्मेलन आयोजित होगा जिसमें देश भर से लगभग 20 हजार व्यापार संगठनों के नेता शामिल होंगे। रिटेल व्यापार के अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ कैट की राष्ट्रीय गवर्निंग कॉउन्सिल की एक महत्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली में 9 जनवरी को होगी और स्थिति का जायजा लेते हुए आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा की जायेगी ।