दुर्ग, ( mediasaheb.com) पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग, भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-2020 के डेयरीउद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) एवं राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का प्रारंभ किया है,राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, एकक्रियान्वयनकर्ता संस्था है. इस योजना के अंतर्गत,छोटी डेयरी इकाईयों की स्थापना, ओसर बछड़ा पालन, मिल्किंग मशीन/मिल्कटेस्टर/मिल्क कुलिंग इकाईयों (5000 लीटर की क्षमता तक), डेयरी प्रसंस्करण उपकरणों की खरीद, दूध और दूध उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा, दूध उत्पाद परिवहन सुविधा, पशु चिकित्सालय और डेयरी विपणन केन्द्रों, कृषकों, एकल उद्यमियों, सदस्यों की ओर से स्वयं सहायता समूहों, डेयरी सहकारी समितियों, दूधयूनियन, दूध संघो, पंचायती राज संस्थानों आदि इस योजना केअंतर्गत ऋण से जुड़ी अनुदान सहायता हेतु उपलब्ध हैं|
02.इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को वित्त पोषण करने वाले बैंक (अनुसूचितवाणिज्यिक बैंकों/ राज्य सहकारी बैंकों/ क्षेत्रीय बैंकों) से ऋण लेना होगा और अनुदान सहायता लाभार्थी को अंत में दीजायेगी.उधार लेने वाले को स्वीकृत पात्र ऋण के समक्ष संबंधित बैंक द्वारा नाबार्ड से अनुदान सहायता हेतु योजना में निर्धारित समय सीमा के भीतर दावा किया जायेगा. अनुदान राशि प्राप्त होने के बाद उसे लाभार्थी के अनुदान प्रारक्षित निधि में रखा जायेगा जब तक लाभार्थी को प्रदत्त ऋण की अंतिम किश्त की चुकौती नहीं हो जाती और परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान योजना से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन किया गया हो. अनुदान सहायता दो किश्तों (अग्रिम अनुदान सहायता और अंतिमअनुदान सहायता ) में जारी की जाएगी. यदि कर्जदार का खाता अनर्जक आस्ति हो जाता है या योजना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन तो अनुदान सहायता वापस की जाएगी|
03.अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए अनुदानसहायता की राशि परियोजना लागत का क्रमश: 33.33%और 25% होगी(योजना के दिशानिर्देशों में इंगित इकाई लागत के अधीन).
04. योजना से संबंधित दिशानिर्देश नाबार्ड की आधिकारिकवेबसाईटो www.nabard.org और www.dadf.gov.inपर उपलब्ध है. कर्ज लेने वाले कृपया योजना से संबंधित दिशानिर्देशों को ध्यानपूर्वकपढ़ें. बैंकों द्वारा इन दिशानिर्देशों का अनुसरण सुनिश्चित किया जाएँऔर निर्धारित समय सीमा में एन्श्योर पोर्टल (ensure.nabard.org) में दावा प्रेषित/अपलोड करें अन्यथा अनुदान सहायता स्वीकृत नहीं की जाएगी. 05. डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) हेतु रु. 438.07 लाख एवं राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में रु.110.00 लाख छत्तीसगढ़ को बजट की राशि आबंटित की गई है. एम सोरेन, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने कहा कि इस योजना से राज्य में दूध एवं पशु धन का उत्पादन बढेगा. साथ ही उन्होंने सभी हितधारकों को आह्वान किया कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस योजना को किसानों और डेयरी उद्यमियों के बीच लोकप्रिय बनाएं|
06 . इस योजना के ब्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से दुर्ग में दिनांक 12 सितम्बर 2019 कोबैंकर्स, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, कृषि विज्ञानं केंद्र के वरिष्ठ अधिकारयों, कृषक उत्पादक संगठन, कृषकों इत्यादि के लिए एम बारा, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, दुर्ग के द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया और पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी. कार्यशाला में इस योजना के सफल क्रियान्वयन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया ताकि अधिक से अधिक हितग्राही लाभान्वित हो सके |
इस कार्यशाला में उपस्थित जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, डा. विकास खुने, डा. नेमा ने भी योजना के सफल कार्यान्वयन पर जोर दिया |