रायपुर (mediasaheb.com) । एक तरफ देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने एक नया इतिहास रच दिया । राजधानी रायपुर में रविवार को तिरंगा मेरी जान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में देश के वीर सैनिक,बच्चे, राजनेता , सामाजिक संस्थाओं और आम लोगों के माध्यम से मानव श्रृंखला बनाकर 15 किलोमीटर लंबा तिरंगा लहराया गया। इसे लगभग बीस से पच्चीस हजार लोगों ने मिलकर उठाया। जो अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है।

इस कार्यक्रम में रायपुर के आमापारा से लेकर रविशंकर विश्वविद्यालय तक तिरंगा रैली निकाली गई है।भरी संख्या में स्कूली बच्चे शामिल हुए।मेरी आन तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है। इस गीत के साथ सुबह सात बजे यह 15 किलोमीटर लंबे तिरंगे की रैली निकली। स्कूली बच्चे और शहरवासी मानव श्रृंखला बनाकर दोनों ओर से तिरंगे झंडे को पकड़कर चले। देशभक्ति से ओतप्रोत रायपुर के लगभग 10,000 स्कूली बच्चे के साथ शहरवासी भी इसमें शामिल हुए। 15 किलोमीटर लंबा तिरंगा इस कार्यक्रम के लिए 15 किलोमीटर लंबे तिरंगे का निर्माण किया गया है।
इस रैली की शुरूआत आमापारा से हुई है। इसे रविशंकर विश्वविद्यालय मैदान में संपन्न किया जाएगा। 15 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में समाज सेवी संगठन, सीआरपीएफ के जवान और स्कूली बच्चों के साथ शहर के लोग और एनसीसी,स्काउट एवं एनएसएस के लोग भी शामिल हुए। सबसे लम्बा तिरंगा यात्रा रायपुर में निकलने वाली 15 KM लंबी तिरंगा यात्रा अब तक की सबसे लंबी यात्रा है। इससे पहले इंदौर मे 12 किमी लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई थी और उससे पहले 10 किमी लंबी यात्रा मथुरा में निकाली गई थी।

वसुधैव कुटुंबकम फाउंडेशन के रोहित सिंह (तिरंगा) रविंद्र सिंह, प्रभाकर पटनायक की ओर से आयोजित तिरंगा यात्रा की शुरूआत सुबह 7 बजे आमापारा तिराहा से हुई। इस दौरान बंगाली समाज द्वारा धुनची आरती की गई। 51 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार करने के बाद यात्रा रवाना हुई। दिव्यांग बच्चे व्हील चेयर तिरंगा मार्च पास्ट के साथ यात्रा में सम्मिलित हुए। अनेकता में एकता का संदेशइस तिरंगा यात्रा के आयोजकों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा की इस कार्यक्रम में हर संगठन हर समाज ने जिस तरह से अपना सहयोग प्रदान किया उसी के चलते हमने इस कार्यक्रम को सफल बनाया है, इस तिरंगा यात्रा में सिख समुदाय गतका प्रदर्शन किया गया, मुस्लिम संगठन व ईसाई मिशनरी, फूल वर्षा, फूफीफूफा संगठन छत्तीसगढ़ी हास्य कार्यक्रम, छत्तीसगढ़ी पंजाबी सनातन समाज सुरक्षित भवरू फाउंडेशन तिरंगा बूझो तो जाने पहेली, तिरंगा संबंधी लाइव गेम व गिफ्ट दिए गए।
बंगाली समाज तिरंगा आरती व राउंड टेबल संस्था, कॉपी और पेंसिल वितरण किया गया । गुजराती समाज द्वारा गरबा कार्यक्रम किया गया। भोजपुरी साहित्य सम्मेलन तिरंगा का प्रदर्शन किया। महाराष्ट्रीयन समाज सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।शहीद परिवारों का किया गया सम्मान इस रैली के समापन के बाद साइंस कॉलेज ग्राउंड में मुख्य समारोह हुआ। जिसमें प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के हाथो देश के विभिन्न जगहों से आये 30 शहीद परिवारों का सम्मान किया गया।

प्रदेश के तीनो कदावर नेता दिखे एक ही मंच पर इस कार्यकम की खास बात यह रही कि इस यात्रा में सीएम भूपेश बघेल के साथ ही पूर्व सीएम रमन सिंह और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी एक मंच पर दिखाई दिए । मिला सबका सहयोग संस्था के द्वारा बतलाया गया की इस कार्यक्रम में शासन प्रशासन के साथ ही साथ निजी संस्थानों एवं सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीएएफ, सीएसएफ जैसे केंद्रीय सेना के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस, छत्तीसगढ़ के स्थानीय सुरक्षा बल, होमगार्ड और ट्रैफिक पुलिस का भी पूर्ण सहयोग मिला।सूरत से लाया गया कपड़ा इस यात्रा के लिए सूरत से कपड़ा मंगवाया गया था जिसकी सिलवाई भारत टेंट हॉउस के द्वारा नि:शुल्क की गई इस तिरंगे को बनवाने के लिए लगभग ढ़ाई माह का समय लग गया ये रहे अतिथि इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल रहे वही कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा की गई और विशिष्ट अतिथि के रूप में अजित जोगी मंच में उपस्थित थे। वही विशेष अतिथि के रूप में शहर के प्रथम नागरिक प्रमोद दुबे, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री अमरजीत भगत, सांसद छाया वर्मा, विधायक विकाश उपाध्याय, संजय श्रीवास्तव, फैजल रिजवी, हरभजन सिंह होरा, गिरीश दुबे सहित प्रभुद्ध गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस आयोजन के संयोजक मीडिया साहेब डॉट कॉम (mediasaheb.com) और माय फम (MY FM ) थे |