इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian medical association) और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (Medical Student Network) का नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल 2019 (National Medical Council Bill 2019) का विरोध जारी है.
विरोध के मुख्य बिंदु
1.एनएमसी बिल एमबीबीएस मेडिकल प्रोफेशनल्स के अलावा अन्य पैथी में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को मिक्सपैथी सभी प्रकार की पैथी से इलाज करने की इजाजत दे दी जाएगी इससे भारत के उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल प्रोफेशनल का स्तर बहुत नीचे गिर जाएगा.
2.नेशनल मेडिकल कमीशन बिल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 50% सीटों को मैनेजमेंट कोटे में दे देगा जिससे मेडिकल शिक्षा बहुत ज्यादा महंगी हो जाएगी.
3.डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की दिशा में सरकार ने बीच का अध कचरा रास्ता निकाल लिया है जिसमें एक तिहाई से ज्यादा अर्ध शिक्षित तथाकथित झोलाछाप डॉक्टरों को एलोपैथी मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस करने की इजाजत मिल जाएगी जिससे इलाज की गुणवत्ता पर दुष्प्रभाव पड़ेगा.
क्या है एग्जिट टेस्ट
मेडिकल कमीशन बिल लोकसभा में होने के बाद नाराज डॉक्टर इस बात को लेकर नाराज हैं कि अब एमबीबीएस (MBBS) पास करने के बाद प्रैक्टिस के लिए एग्जिट टेस्ट देना होगा. अभी तक नेशनल एक्जिट टेस्ट (एनइटी) सिर्फ विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले छात्र ही देते थे. इस बिल के पास हो जाने के बाद अब स्वदेश में पढ़ाई कर रहे डॉक्टरों को भी यह परीक्षा पास करनी अनिवार्य होगी.


