अडानी को लौह खदान दिए जाने से नाराज आदिवासी पिछले सात दिनों से बैठे थे धरने पर
जगदलपुर, 13 जून(mediasaheb.com.)। दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनरत आदिवासियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भरोसा जताकर बैलाडीला के डिपोजिट 13 को लेकर पिछले सात दिनों से चलाए रहे आंदोलन को गुरुवार को समाप्त कर दिया है। आदिवासी नेताओं और पंच-सरपंचों ने शासन-प्रशासन को 15 दिनों की मोहलत दी है।
इन नेताओं ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर इस मामले पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो फिर
वह लोग एनएमडीसी के गेट पर दोबारा धरना देंगे और इसके बाद वे सड़क से सदन तक इस
आंदोलन को लेकर जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
आदिवासी नंदी राज पहाड़ को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। इसके अलावा वनों की अंधाधुंध
कटाई से भी आदिवासियों को शिकायत है। इस आंदोलन को सभी वर्गों का भरपूर समर्थन
मिला था और आगे भी वे सभी के सहयोग से इसे दोबारा से कर सकते हैं, जैसा कि आदिवासी नेता कह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को चार बिंदुओं पर सहमति दी थी, फिर भी आंदोलन जारी रहा। बुधवार देर शाम एनएमडीसी के चेयरमैन एन बैजेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। माना जा रहा था कि चेयरमैन बैजेंद्र कुमार ने सरकार से इस दिशा में सहयोग का अनुरोध किया था। जिसके बाद देर रात सरकार की तरफ से अल्टीमेटम प्रदर्शनकारियों को दिया गया था। 12 बजे रात तक की मोहलत दी गयी और फिर सुबह होते-होते प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया।
इससे पहले दंतेवाड़ा के बचेली क्षेत्र के आदिवासी पिछले सात दिनों से लगातार दिन रात किरंदुल में डटे हुए थे और खनन ठेका को रद्द करने की मांग कर रहे थे। सरकार के आश्वासन के बाद भी आंदोलन इस जिद पर जारी रहा कि सरकार की तरफ से अब तक लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने लिखित आश्वासन के बाद गुरुवार को अब हड़ताल को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। दूसरी तरफ सरकार भी इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह चौकस दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जैसे ही इस बात की सूचना मिली, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनको पूरी तौर पर न्याय देने का भरोसा दिया है। ऐसे में यह लगता है कि प्रशासन इस मामले पर सकारात्मक संज्ञान जरूर लेगा।(हि.स.)।