मेडिकल डिग्रियों की जांच के लिए आरटीआई दायर
रायपुर, (mediasaheb.com) दाऊ कल्याण सिंह (डीकेएस) अस्पताल घोटाले में मुख्य आरोपित डा. पुनीत गुप्ता को भले ही हाईकोर्ट से जमान मिल गई हो लेकिन उनकी मुश्किलें अब और बढ़ने वाली है। ईएनटी रोग विशेषज्ञ डा. राकेश गुप्ता ने रायपुर के पुलिस अधीक्षक रायपुर को चिट्ठी लिखकर पुनीत गुप्ता के संत गाहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा में डीएससी प्रवेश के लिए पेश किए गए सभी दस्तावेजों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। 26 अप्रैल को लिखी गई इस चिट्ठी के बारे में शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए राकेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि पुनीत गुप्ता ने संत गाहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा में बायोटेक्नोलॉजी विषय में डीएससी के लिए पेश आवेदन पत्र में जिन शोध प्रकाशनों को दर्शाया है, उसमें कई सारे पोल हैं। राकेश गुप्ता ने आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी के आधार पर कहा कि पुनीत द्वारा दिए गए शोध पत्रों को कई स्थानों के लिए उपयोग में लाया गया है और एक ही शोध पत्र को कई बार लिखा गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा शोध प्रकाशन की संख्या बढ़ाकर कई बार लाभ लेने के लिए किया गया है। राकेश गुप्ता ने पुनीत गुप्ता की डिग्रियों पर सवाल उठाते हुए पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में भी आरटीआई के लिए आवेदन किया है। इस आवेदन में साल 2008 से लेकर 2016 तक जिन छात्रों ने बायोटेक्नोलॉजी विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाएं हैं, सभी की जानकारी मांगी गई है। साथ ही इन सालों में विश्वविद्यालय द्वारा मान्य किए गभी बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सभी शोध निर्देशकों की सूची और पात्रता की सूची भी मांगी गई है। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के दामाद डा. पुनीत गुप्ता की डीएससी (डॉक्टर ऑफ साइंस) की डिग्री के बारे में भी सरगुजा के अंबिकापुर स्थित संत गाहिरा गुरु विश्वविद्यालय में आरटीआई दायर किया गया है
पुलिस अधीक्षक को चिट्ठी लिखकर मेडिकल स्नातकोत्तर डिग्री और उसके बाद नेफ्रोलॉजी के साथ पीएचडी डिग्री प्राप्त करने में संभावित गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने की मांग की जा चुकी है। पुनीत गुप्ता पर मापदंड के बगैर स्नातकोत्तर की उपाधि पाने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल को भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी जा चुकी है। जिसमें पुनीत गुप्ता के मेडिकल रिकार्ड की जांच के साथ ही मेडिकल काउंसिल पर भी सवालिया निशान लगाये गए हैं। उल्लेखनीय है कि डा. पुनीत गुप्ता पर पूर्व सरकार के बेहद करीबी होने की वजह कई घोटालों के आरोप लगे और अभी उसकी जांच चल रही है। जिससे बचने के लिए पुनीत बार बार अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे लेकिन जमानत नहीं मिल रही थी। काफी समय से फरार चल रहे पुनीत गुप्ता को अभी दो दिन पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिली है। लेकिन उनकी डिग्रियों पर फर्जी होने के आरोपों की बौछार के बाद पुनीत एक बार फिर मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। (हि.स.)।