बिलासपुर (mediasaheb.com) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 23 हज़ार करोड़ से अधिक की कमाई कर देश में अव्वल जोन बन गया है। हर वर्ष माल लदान और सकल अर्जन के क्षेत्र में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने 2018-19 में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कुल 23298 करोड़ रुपये की आरंभिक आय अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। माल लदान में अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कुल 185.5 मिलियन टन वार्षिक लदान के आंकड़े को बिलासपुर जोन ने पार किया है।
सीनियर डीसीएम और जनसंपर्क अधिकारी रवीश कुमार का कहना है कि ये उपलब्धि हासिल करना इस वर्ष खासकर बेहद कठिन था, क्योंकि इस वर्ष दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कई चुनौतियों का सामना किया जिसमें चांपा के पास रेलवे ब्रिज का मरम्मत कार्य, वैगनों की कमी तथा वृहद स्तर पर पिछले वर्षो में शुरू किए गए तथा इस वर्ष के आधारभूत संरचनाओं के विकास कार्य को पूरा करना था। इस वर्ष आधारभूत संरचनाओं तथा संरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ट्रैक के रखरखाव पर विशेष जोर दिया गया। रेल यात्रियों के लिए संरक्षा को सुनिश्चित करते हुए आरामदायक यात्रा उपलब्ध के लिए पिछले वर्ष की तुलना में, 121 प्रतिशत अधिक डीप स्क्रीनिंग के कार्य किए गए । इस वर्ष डीप स्क्रीनिंग की कुल 516 ट्रैक किलोमीटर के कार्य को निष्पादित की गई जो कि लक्ष्य के सापेक्ष 106 प्रतिशत है और पिछले वर्ष के सापेक्ष 154 प्रतिशत अधिक है ।
पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2018-19 में प्रमुख मशीनों के अधिक ब्लॉक दिए गए। पिछले 11 सालों की तुलना में सर्वाधिक रेल नवीनीकरण के कार्यों को इस वर्ष अंजाम दिया गया। 2018-19 में 209 यूनिट का सम्पूर्ण ट्रैक नवीनीकरण कार्य पूरा किया गया। यह पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही अधोसंरचना के विकास में भी हर हाल में लक्ष्य प्राप्ति पर सारा जोन साल भर लगा रहा जिसका परिणाम भी अच्छा रहा। इन विकास कार्यो के दौरान गाड़ियों का परिचालन भी प्रभावित हुआ परंतु इन सभी कार्यों के पूरा होने से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में क्षमता आवर्धन के साथ-साथ यात्री सुविधाओं के विस्तार तथा नई सेवाओ को भी भविष्य में शुरू करने में सहायता मिलेगी।
इस साल 151 किलोमीटर से ज्यादा नई रेल लाइनों का निर्माण किया गया। जिसमें परिवर्तन, नई लाइनों के साथ-साथ महत्वपूर्ण सेक्शन के दोहरीकरण, तिहरीकरण तथा चौथी रेल लाइन के कार्य भी सम्मिलित हैं। रेलवे निर्माण के क्षेत्र में मौजूद लाइनों के दोहरीकरण तथा तिहरीकरण के कार्यों को गाड़ियों के परिचालन की दृष्टि से सर्वाधिक जटिल माना जाता है क्योंकि इन कार्यों के लिए बड़े ब्लॉक के साथ-साथ नॉन इंटरलॉकिंग की जरूरत होती है, जिसका सीधा प्रभाव गाड़ियों की गति पर पड़ता है। इसमें लगभग 59 किलोमीटर डबलिंग, तीसरी तथा चौथी लाइन के तथा 92 किलोमीटर गेज कन्वर्शन कार्यों को इस साल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने सफलता पूर्वक पूरा किया है। इसके साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस वर्ष दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 182 रूट किलोमीटर के रेल लाइन के विद्युतीकरण कार्य को भी अंजाम दिया गया।(हि स)।


