रायपुर(media saheb) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुक्रवार को वर्ष 2019-20 बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। CM भूपेश के बजट से अल्पकालीन कृषि ऋण की माफी से प्रदेश के लगभग 20 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। कृषि ऋण की माफी के लिए बजट में 5 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। 2.4 कृषि ऋण की माफी के अलावा किसानों को राहत देने के लिए 207 करोड़ का बकाया सिंचाई कर माफ किया जायेगा, जिससे 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। 2.5 खरीफ 2019 के लिए राज्य में 85 लाख टन धान खरीदी का अनुमान है। कृषकों से धान की खरीदी 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से की जायेगी। इसके लिए 5 हजार करोड़ का बजट में प्रावधान है। प्रदेश के 17 लाख से भी अधिक किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
खरोफ 2017 में लगभग 12 लाख किसानों को प्रोत्साहन राशि सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु 10 हजार 597 करोड़ का भुगतान किया गया था जबकि खरीफ 2018 के लिए भी 15 लाख 53 हजार किसानों को 19 हजार 733 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है। इस प्रकार खरोफ 2017 की तुलना में खरीफ 2018 में लगभग दुगुनी राशि का भुगतान किसानों को मिल रहा है।
सोयाबीन उत्पादन पर कृषकों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 करोड़ एवं गन्ना बोनस के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तिलहन की भी खरीदी करने के लिए नवीन मद में 7 करोड़ 12 लाख का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में 26 जिलों में 257 उपाजन केन्द्रों पर मक्का की खरीदी 1700 रू. के दर से की जा रही है। मक्का खरीदी की व्यवस्था को और पुख्ता किया जायगा।
ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिये 184 करोड़। 2.11 प्रधानमंत्री फसल बीमा प्रीमियम हेतु 316 करोड़। 2.12 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत् सामान्य एवं हरित क्रांति घटकों हेतु कुल 369 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना के लिये 77 करोड़, गन्ना कृषकों को बोनस हेतु 50 करोड़, तथा शाकम्भरी योजना हेतु 10 करोड़ का प्रावधान। नाबार्ड पोषित सूक्ष्म सिंचाई के लिये 10 करोड़। एकीकृत बागवानी विकास मिशन हेतु 205 करोड़। 2.13 मर्रा, जिला दुर्ग एवं साजा, जिला बेमेतरा में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए नवीन विश्वविद्यालय की स्थापना
20 नवीन पशु औशधालय की स्थापना एवं महासमुंद, जगदलपुर एवं सूरजपुर में रिजनल फर्स्ट-एड ट्रेनिंग सेंटर फॉर एनिमल हेल्थ की स्थापना 2.16 पशुपालन के माध्यम से आय वृद्धि हेतु डेयरी उद्यमिता विकास योजना में 15 करोड़ 12 लाख, मुर्गी पालन हेतु 21 करोड़, बकरी पालन हेतु 4 करोड़ 34 लाख तथा सूकर पालन हेतु 4 करोड़ 49 लाख के बजट का प्रावधान 2.17 एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन के लिए 200 करोड़, प्रधानमंत्री कृशि सिंचाई योजना में 74 करोड़ तथा माईक्रो माईनर सिंचाई योजना में 25 करोड़ का प्रावधान है। 2.18 5 एचपी तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 164 करोड़ का बजट है। नये कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है। 2.19 सौर ऊर्जा के सहयोग से सिंचाई हेतु 20 हजार नये सोलर पम्पों की स्थापना हेतु 467 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बजट में सिंचाई योजनाओं के लिए कुल 2 हजार 995 करोड़ का प्रावधान है। वृहद सिंचाई परियोजनाओं के लिए 759 करोड़ का प्रावधान है, जिसमें से अरपा मैं साझार परियोजना हेतु 127 करोड, महानदी परियोजना हेतु 213 करोड़ एवं सोंढूर जलाशय के लिए 106 करोड़ का प्रावधान है। लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 1 हजार 93 करोड़ तथा मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए 106 करोड़ का प्रावधान है।
ग्राम विकास एवं ग्रामीण आजीविका
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु हमारी सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना शुरु की जायेगी। इसके लिए प्रत्येक ग्राम की मूलभूत जानकारी का संकलन कर विकास का आगामी रोडमैप तैयार किया जायेगा। 3.2 छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारो, एला बचाना है। संगवारी के नारे को मूर्त रूप देने के लिए निम्नानुसार कार्य किया जायेगा नरवा : प्रत्येक गांव में जल स्रोतों, नालों के उद्गम स्थल से शुरुआत करते हुए जल संचयन एवं संवर्धन हेतु आवश्यकतानुसार कच्ची पक्की संरचनाओं का निर्माण वैज्ञानिक पद्धति से किया जायेगा।
गरुवा : हर गांव में 3 एकड़ भूमि का चयन कर पशुओं के लिए गौठान बनाया जायेगा। गौठान में पशुओं के बैठने के लिए प्लेटफार्म एवं शेड का निर्माण, पीने के पानी की व्यवस्था तथा दुग्ध संग्रहण केन्द्र बनाये जायेंगे। घुरुवा : गौठान में सामुदायिक आधार पर बायोगैस प्लांट, कम्पोस्ट इकाईयां एवं चारा विकास केन्द्र बनाये जायेंगे।
बारो : हर घर में उद्यानिकी फसलों तथा सब्जियों के उत्पादन के लिए बारों को प्रोत्साहित किया जायेगा। नदी-नालों के किनारे भी फलदार वृक्षों का रोपण किया जायेगा।
गोबर गैस प्लान्ट एवं कम्पोस्ट इकाईयों के निर्माण, संधारण एवं संचालन हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जाकर प्रत्येक ग्राम से 10 युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण उपरांत लगभग 2 लाख युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो सकेगा। 3.4 भूमिहीन मजदूरों एवं लघु सीमांत कृषकों को रोजगार देने के साथ-साथ नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारो के संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं का मनरेगा से अभिसरण करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध किया जायेगा। इसके लिए मनरेगा योजना में राज्य बजट से 1 हजार 542 करोड़ का प्रावधान।
ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के रूप में संगठित कर रोजगार दिलाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 306 करोड़ का प्रावधान। 3.7 ग्राम पंचायतों में मूलभूत कार्यों हेतु अनुदान के लिए 210 करोड़ तथा मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़ का प्रावधान। 3.8 बीपीएल ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल के लिए निःशुल्क घरेलू कनेक्शन देने हेतु नवीन मिनीमाता अमृत नल-जल योजना में 10 करोड़ का प्रावधान।
ग्रामीण बसाहटों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1 हजार 565 करोड़ और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 238 करोड़ का प्रावधान।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं सूखा-गीला कचरा निकासी एवं प्रबंधन की योजनाओं के लिए स्वच्छ भारत अभियान में 450 करोड़ का प्रावधान।
आवासहीन ग्रामीण परिवारों के आवास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 1 हजार 723 करोड़ का प्रावधान ।
खाद्य-पोषण तथा महिला एवं बाल विकास
कुपोषण से मुक्ति एवं खाद्यान्न सुरक्षा प्रदाय करने के लिए गरीब परिवारों को प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल वितरित करने हेतु मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना में 4 हजार करोड़ का बजट प्रावधान। 4.2 बच्चों में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए एकीकृत बाल विकास योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना में 1 हजार 340 करोड़ का प्रावधान। 4.3 किशोरी बालिकाओं के पोषण एवं लाईफ-स्किल ज्ञान के लिए 37 करोड़ एवं गर्भवती माताओं के पोषण आहार हेतु महतारी जतन योजना में 24 करोड़ का प्रावधान। 4.4 आंगनबाड़ी को नर्सरी के रूप में विकसित कर बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान देने के लिए ई.सी.सी.ई. योजना में 15 करोड़ का प्रावधान।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दी जाने वाली अनुदान राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किया गया है। इसके लिए 19 करोड़ का प्रावधान है। 4.6 प्रत्येक संभाग में एक कामकाजी महिला आवास गृह बनाने हेतु में 6 करोड़ 75 लाख का प्रावधान है।
शिक्षा एवं समाज कल्याण
25 हाई-स्कूलों को हायर सेकेन्डरी स्कूलों में तथा 25 पूर्व माध्यमिक शालाओं का हाई-स्कूल में उन्नयन किया जायेगा। 5.2 40 प्राथमिक शाला, 25 पूर्व माध्यमिक शाला तथा 100 हाई-स्कूल एवं 50 हायर सेकेन्डरी स्कूल भवनों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 34 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिए लम्बे समय से निर्माणाधीन एवं अपूर्ण आश्रम एवं छात्रावास के भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु 50 करोड़ की अतिरिक्त राशि का प्रावधान।
प्री-मैट्रिक छात्रावास आश्रमों के लिए शिश्यवृत्ति की दर एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रावासों के लिए छात्र भोजन सहायता की दर में वृद्धि की जायेगी। इसके लिए बजट में 27 करोड़ 57 लाख का अतिरिक्त प्रावधान। अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के बालिका छात्रावासों में सुरक्षा के लिए 75 महिला गार्ड रूम, 62 अधीक्षिका आवास गृह, 75 टॉयलेट एवं 25 बाउंड्री वाल का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 13 करोड़ 39 लाख का प्रावधान, जिला बालोद में महिला महाविद्यालय की स्थापना। 25 महाविद्यालयों में नवीन संकाय एवं 25 महाविद्यालयों में स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किय जायेगे। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान। महाविद्यालयों में 27 विषयों के रिक्त सहायक प्राध्यापकों के 1 हजार 384 पदों पर भर्ती की जा रही है।
विकासखण्ड बतौली, जिला सरगुजा तथा विकासखण्ड दुलदुला एवं मनोरा, जिला जशपुर में नवीन आईटीआई खोले जायेंगे। 33 पुराने आईटीआई में नवीन ट्रेड की पढ़ाई शुरू की जायेगी। 5 लाईवलीहुड कॉलेज में कन्या छात्रावास का निर्माण किया जायेगा। दिव्यांगजनों को विवाह के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की जायेगी। बौद्धिक मंदता के कारण मानसिक रूप से निःशक्त 18 वर्श से अधिक आयु वाले लोगों को आजीवन आश्रय एवं सुधारात्मक उपचार की सुविधा हेतु बालोद जिले में घरौंदा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। जिला रायपुर एवं बालोद में निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की जायेगी। नशापान की कुरीति को समाप्त करने के लिए नयी योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके तहत जन जागरण अभियान चलाकर नशाबंदी के लिए सर्व सहमति का वातावरण बनाया जायेगा। मदिरा की अवैध बिक्री की रोकथाम हेतु सरगुजा एवं दुर्ग में नवीन संभागीय उड़नदस्तों का गठन किया जायेगा।
स्वास्थ्य सुविधाएं
यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा के अनुरूप आगामी वर्श से बेहतर व्यवस्था वाली स्वास्थ्य योजनाओं को लागू किया जायेगा। राज्य के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सफाई व्यवस्था हेतु 15 करोड़ की अतिरिक्त राशि का बजट में प्रावधान। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा हेतु स्टॉफ नर्सी के 242 पदों, तथा 100 बिस्तर नवीन जिला चिकित्सालय सरगजा की स्थापना हेतु 135 पदों के सृजन के लिए कुल 7 करोड़ 26 लाख का प्रावधान।। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय गरियाबंद के 100 बिस्तर अस्पताल के भवनों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 6 करोड़ 10 लाख का प्रावधान।
चिकित्सा महाविद्यालय बिलासपुर एवं जगदलपुर में मल्टी सुपरस्पेश्लिटी चिकित्सालय की स्थापना की जायेगी। इसके लिए बजट में 22 करोड़ का प्रावधान। जिला चिकित्सालय जगदलपुर एवं रायगढ़ में ट्रॉमा यूनिट एवं बिलासपुर में बर्न यूनिट की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 6 करोड़ 80 लाख का प्रावधान। चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में 25 पीजी सीट का उन्नयन किया जायेगा।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण
अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 15 हजार 989 करोड़ एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 5 हजार 485 करोड़ का प्रावधान।। वनवासी ग्रामीणों की आजीविका का बड़ा हिस्सा लघु वनोपजों के संग्रहण पर आधारित है। तेंदू पत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति बोरा किया गया है। लघु वनोपज संघ के द्वारा वर्तमान में साल बीज, हर्रा, इमली, चिरौंजी, महुआ बीज, कुसमी लाख एवं रंगीनी लाख का संग्रहण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जाता है। इन 7 वनोपज के अतिरिक्त अब कुलु गोंद, नागर मोथा, शहद, बेहड़ा, बेल का गूदा, कालमेघ, फूलझाडू तथा पुवाड़ बीज सहित कुल 15 वनोपजों का संग्रहण अब समर्थन मूल्य पर किया जायेगा।
पेयजल
नगरीय क्षेत्रों में प्रदाय पेयजल की गुणवत्ता परीक्षण के लिए सभी संभागों में प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी। इसके लिए बजट में 11 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नवीन नगरीय जल प्रदाय योजना में 78 करोड़ 40 लाख तथा नवीन नगरीय आवर्धन जल प्रदाय योजना में 50 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है। ग्रामीण पेयजल व्यवस्था हेतु राश्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में 180 करोड़, पाईप द्वारा जल प्रदाय योजना में 185 करोड़ तथा ग्रामों में पेयजल प्रदाय योजना में 65 करोड़ 50 लाख का प्रावधान ।
ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल उपभोक्ताओं को निःशुल्क घरेलू जल कनेक्शन देने के लिए मिनीमाता अमृत नल-जल योजना शुरू की जायेगी। योजना के तहत 5 लाख 30 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवारों को घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य हैं। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान है। मेला, प्रदर्शनी इत्यादि स्थलों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए रायपुर, बिलासपुर एवं बस्तर संभाग के लिए मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना, तथा साजा, जिला दुर्ग में विभागीय वाटर फिल्टर प्लांट के माध्यम से पैकेज्ड पेयजल वितरण के लिए राजीव गांधी सर्वजल योजना शुरू की जायेगी। इनके लिए क्रमशः 5 करोड़ एवं 2 करोड़ का प्रावधान है। गिरौदपुरी, जिला-बलौदाबाजार के लिए गिरौदपुरी सामूहिक नल-जल योजना के लिए 5 करोड़ का प्रावधान है। पानी के कारण ग्राम सुपेबेड़ा जिला गरियाबंद के ग्रामीणों को होने वाली बीमारी के रोकथाम हेतु सुपेबेड़ा जल प्रदाय योजना शुरु की जायेगी। इसके लिए 2 करोड़ का प्रावधान।
ऊर्जा तथा नगरीय प्रशासन विकास
घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ किया जायेगा। इसके तहत बिजली बिल में 400 यूनिट तक विद्युत व्यय भार पर आधी छूट का लाभ सभी घरेलू उपभोक्ताओं को मिलगा। इसके लिए 400 करोड़ का प्रावधान। औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की स्थिति में आटोमेटिक रि-स्टोरेशन की आवश्यकता को देखते हुए रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर औद्योगिक क्षेत्रों में 50 करोड़ की लागत से स्काडा की स्थापना हेतु 5 करोड़ का प्रावधान। चार शहरों में स्मार्ट मीटर की स्थापना के लिए 33 करोड़ का प्रावधान। पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय के नये मापदंडों के अनुपालन में हसदेव ताप विद्युत संयंत्र की चारों इकाईयों में फ्ल्यू गैस डीसल्फराईजेशन संयंत्र की स्थापना हेतु इक्विटी की राशि के लिए 95 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।