नई दिल्ली, (media saheb) नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, कि ई-व्हीकल्स (इलेक्ट्रिक वाहन) की खरीदारी पर कोई रोड टैक्स नहीं लगेगा। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को अमिताभ कांत ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को ग्रीन परमिट जारी किया जाएगा और उन्हें इस प्रकार के टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव रखा गया है। देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को यह प्रस्ताव नीति आयोग की तरफ से भेजा गया है।
हाल ही में सरकार द्वारा बनाए गए एक पैनल ने देश में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई सारे प्रस्ताव सुझाए थे। इसमें इन वाहनों पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी घटाने का प्रस्ताव भी शामिल था, जिससे मैन्युफैक्चरर्स इनका ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन करें।
आपको ऐसे मिलेगा फायदा
प्रस्ताव के अनुसार इन व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाएगी, ताकि इनका प्रोडक्शन कम कीमत में हो सके। साथ ही इनके रेट्स पर जीएसटी भी कम किया जाएगा ताकि यह पेट्रोल, डीजल और सीएनजी गाड़ियों से मुकाबला कर सकें। इन वाहनों के खरीदारों के लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन रेट्स कम करने के साथ-साथ रोड टैक्स और पार्किंग चार्जेस को कम करने का भी प्रस्ताव रखा है।
जल्द ही आएगा फैसला
टोटल मोबिलटी के मुद्दे पर पिछले महीने हुई कमेटी ऑफ सेक्रेटरी मीटिंग में इन प्रस्तावों का ब्लूप्रिंट तकरीबन दो दर्जन ब्यूरोक्रेट्स ने तैयार किया था। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस पैनल की अगली बड़ी बैठक में इन सभी प्रस्तावों पर फैसला किया जाएगा। फैसला होते ही राजस्व विभाग, भारी उद्योग विभाग, रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्रालय से इस संबंध में जरूरी बदलाव करने को कहा जाएगा।
होंगे तीन बड़े फायदे, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
इस वक्त देश के तीन बड़े लक्ष्यों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बड़ा योगदान कर सकते हैं। ये हैं- कार्बन एमीशन कम करना, नई नौकरियों का सृजन करना और क्रूड ऑयल का इस्तेमाल कम करना। इन तीनों लक्ष्यों को पूरा करने में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मदद कर सकते हैं। इसके लिए मजबूत और किफायती इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इको-सिस्टम तैयार करना होगा, जिसमें ई-व्हीकल्स की प्रोडक्शन फैसिलिटी बढ़ाने और चार्जिंग प्वाइंट का बड़ा नेटवर्क तैयार करना होगा। अनौपचारिक रूप से देश ने 2030 तक नए वाहनों के तौर पर सड़कों पर सिर्फ ई-व्हीकल्स उतारने का लक्ष्य रखा है। (हि.स.)।