नई दिल्ली, (media saheb) (हि.स.)। सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को सेवाओं जैविक कृषि उत्पादों आदि के निर्यात को बढ़ावा देकर वैश्विक मूल्य और आपूर्ति शृंखला का लाभ उठाना चाहिए। भारत सरकार के सभी योजनाओं व कार्यक्रमों का उपयोग करना चाहिए। इससे देश की जीडीपी में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। केन्द्र सरकार प्रत्येक जिले के लिए एक विकास योजना तैयार कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय विश्व बैंक के सहयोग से राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में वार्षिक सुधार कार्यक्रम का आयोजन करता है।
इस कार्यक्रम को अब राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के सहयोग से जिला स्तर पर आयोजित किया जाएगा। यह बातें केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में व्यापार विकास व संवर्धन परिषद की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। व्यापार विकास और संवर्धन परिषद राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को अपनी आवश्यकताओं और उम्मीदों को व्यक्त करने का मंच प्रदान करता है। व्यापार विकास व संवर्धन परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत सरकार ने पहली बार कृषि निर्यात नीति तैयार की है और भारत के कृषि निर्यात का लक्ष्य 2022 तक 60 बिलियन डॉलर निर्धारित किया है। भारतीय किसान और भारत के उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद वैश्विक मूल्य शृंखला से जुड़ जाएंगे और विश्व कृषि निर्यात में भारत का हिस्सा दोगुना हो जाएगा।
2025 तक भारत की जो 5 ट्रिलियन डॉलर ले जाने में यह योजना बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि उन्हें निर्यात रणनीति तैयार करनी चाहिए, जो राज्य विशेष और उत्पाद विशेष पर आधारित हो। राज्यों को लॉजिस्टिक और आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना चाहिए। प्रभु ने राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के आग्रह किया है कि वे 12 चैंपियन सेवा क्षेत्र के लिए आवंटित पांच हजार करोड़ की धनराशि का उपयोग करें। इससे सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं, पर्यटन, चिकित्सा के लिए यात्रा, परिवहन, अंकेक्षण और वित्तीय सेवाओं, ऑडियो-वीडियो सेवाओं, कानूनी सेवाओं, संचार सेवाओं, शिक्षा सेवाओं, पर्यावरण सेवाओं, विनिर्माण सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि चमड़ा और फुटवेयर उद्योग के विकास के लिए 2600 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सी.आर..चौधरी ने कहा कि निर्यात प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाने के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्यात योजनाओं के लिए व्यापार आधारभूत संरचना (टीआईईएस) का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश, असम, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब, नगालैंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने भी बैठक को संबोधित किया। (हि.स.)।