अजीत अमित जोगी के साथ मंतु,पुनीत भी
किरणमयी की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज
रायपुर(media saheb) बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड़ का फंदा अब पूर्ववर्ती सरकार के पूर्व मंत्री राजेश मूणत के गले में पड़ गया है। इस प्रकरण में पहली बार आधिकारिक रुप से उनका नाम सामने आया है, साथ ही उनके खिलाफ कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक की रिपोर्ट पर पंड़री पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की है। इसी केस के केंद्र में रहे पूर्व प्रत्याशी मंतुराम पवार,पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके पुत्र व पूर्व विधायक अमित जोगी, व पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के दामाद डा.पुनीत गुप्ता भी आरोपी बनाए गए हैं।
मामले में पहली बार पूर्व मंत्री राजेश मूणत का नाम सामने आया है। इससे पहले इस केस में उनकी संलिप्पतता तीन साल पहले कांग्रेस की एक शिकायत के साथ सामने आई थी। जहां तक मंतुराम सहित अन्य आरोपियों का सवाल है इनके खिलाफ केस उजागर होने के समय से कांग्रेस आरोप लगा रही थी,अब सरकार में आते ही जिन मामलों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। उसमें अंतागढ टेप कांड शामिल है। इस केस की जांच राज्य सरकार एसआईटी से करवा रही है। रायपुर की एसपी नीथूकमल के नेतृत्व वाली इस जांच में लगातार बयान लिए जा रहे हैं। इसी बीच मामले में किरणमयी नायक द्वारा कराई गई एफआईआर के बाद नया मोड़ आ गया है।
इन धाराओं का है मामला
भारतीय दंड विधान की धारा 171(ई) 171(फ) 406,420, 120 बी. तथा धारा 9,13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पंड़री पुलिस ने मामला दर्ज किया है। शिकायत में किरणमयी नायक ने कहा है कि मंतुराम पवार ने षडयंत्र के तहत आर्थिक प्रलोभन तथा आर्थिक लाभ लेकर नाम वापस लिया। मंतुराम को आर्थिक प्रलोभन अमित जोगी,अजीत जोगी, राजेश मूणत तथा डा.पुनीत गुप्ता ने दिया।
मूणत का नाम 2016 में भी आाया था
शिकायतकर्ता किरणमयी नायक ने कहा है कि इस मामले की शिकायत उन्होंने पहले भी की थी, लेकिन जांच नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत का नाम 2016 में पहली बार आया था इस मामले की पहली शिकायत में मंतुराम के साथ राजेश मूणत के खिलाफ शिकायत की गई थी, लेकिन उसके बाद से ये नाम सामने नहीं आया। अब उनका कहना है कि जिन लोगों के भी नाम एफआईआर में आए हैं उनके खिलाफ जांच होने पर वे सुबूत भी पेश करेंगी। मामले में राजेश मूणत की भूमिका भी इसमें शामिल होगी।