दंतेवाड़ा, (media saheb) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में कासोली ग्राम के निकट नक्सलियों ने बुधवार सुबह एक यात्री बस में आग लगा दी। आगजनी से पहले नक्सलियों ने बस के यात्रियों को नीचे उतार कर उनके मोबाइल समेत अन्य कीमती सामान लूट लिये। तीन नक्सली पकड़े गए हैं।
नक्सलियों ने जिस स्थान पर वारदात को अंजाम दिया वह सीआरपीएफ कैंप से महज दो किमी. की दूरी पर है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि यात्री बस झीरम से छिंदनार की ओर जा रही थी। इसी दौरान यह घटना हुई। वारदात के बाद चालक एवं परिचालक ने सीआरपीएफ कैंप पहुंचकर इसकी सूचना दी। लूटे हुए मोबाइल के लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस टीम ने नक्सलियों का पीछा किया।
पुलिस को देख नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका पुलिस ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। नक्सलियों की संख्या करीब 12 थी। अपना पक्ष कमजोर पड़ता देख नक्सली भागने लगे। इसी दौरान तीन पकड़ लिये गए। उनके कब्जे से मोबाइल और अन्य सामान बरामद किए गए हैं। फिलहाल गिरफ्तार नक्सलियों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने यात्रियों से जो मोबाइल फोन लूटे थे, वे अब भी नेटवर्क में हैं। इससे यह प्रमाणित होता है कि हार्डकोर नक्सली भाग चुके हैं और बस जलाने में जनमिलिशिया सदस्यों का ही हाथ है, जो फोन नेटवर्क से सर्वथा अनजान हैं।
यात्रियों ने बताया कि नक्सलियों में दो महिलाएं भी थीं। वारदात स्थल से छिंदनार महज एक किमी की दूरी पर है। सभी यात्री नक्सलियों के जाने के बाद पैदल ही वहां चले गए। घटनास्थल पर करीब 12 नक्सली मौजूद थे, जो ग्रामीणों की वेशभूषा में थे। नक्सली हमेशा इस तरह की वारदात को रात के अंधेरे में अंजाम देते हैं, लेकिन सुबह हुई इस वारदात से स्थानीय लोग दहशत में हैं।
स्वयं सहायता समूह की ओर से संचालित यह बस जिला पंचायत सदस्य चैतराम अटामि का है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक नक्सली ग्राम छिंदनार में बन रहे पुलिस कैम्प का विरोध कर रहे हैं। सर्चिंग के दौरान पता चला है कि नक्सली सुरोखी एवं कासोली कैम्प पर हमला करने की फिराक में थे।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार
दंतेवाड़ा जिले के तोड़मा गांव के 20 से ज्यादा लोगों ने नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर गांव छोड़ दिया है। ये लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। सभी ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मिलकर मदद की गुहार लगायी है। पीड़ित ग्रामीणों में रतनलाल कवासी, सविता पोयामी, मनीषा, सुकनी, काड़े, जमली, दुलारी, फूलमती, जोगा, सुदन व अन्य शामिल हैं। उनका कहना है कि वे लोग गांव छोड़कर दिसम्बर में इधर-उधर भटक रहे हैं।
एक महीने से रिश्तेदारों व परिचितों के घरों में शरण लिए हुए हैं। अब यहां भी समस्या खड़ी हो रही है। खाने को न अनाज है और न पहनने को कपड़े। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिले इसलिए कलेक्टर के पास मदद के लिए आए हैं। इसके पहले ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक पल्लव से भी मुलाकात की थी।
पुलिस ने बरामद किया 250 किलो विस्फोटक पुलिस अधीक्षक पल्लव ने बताया कि जिले में मोखपाल और बड़ेगुडरा के बीच सड़क निर्माण के दौरान मंगलवार को करीब 250 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया है। नक्सलियों ने किसी बड़े हमले की योजना के तहत यह विस्फोटक छिपा कर रखा था। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विस्फोटक की मात्रा इतनी अधिक है कि इससे कम से कम चार भारी लैंडमाइन्स प्रोटेक्टेड व्हीकल (एलपीवी) उड़ाए जा सकते थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस बारूद से नक्सली कम से कम 15 से 20 बार बारूदी सुरंग विस्फोट कर सकते थे। (हि.स.) ।