रायपुर(media saheb) पूर्व केंद्रीय मंत्री व सक्ती से कांग्रेस विधायक चरण दास महंत निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के पांचवें अध्यक्ष होंगे. छत्तीसगढ़ विधानसभा में अध्यक्ष के लिए सिर्फ एक ही नामांकन डॉ. चरण दास महंता का दाखिल किया गया था.
सीएम भूपेश बघेल और संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को आसंदी तक लेकर गए. इसके पहले चरण दासमहंत को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव लाया गया, जिसका जोगी कांग्रेस की ओर से धर्मजीत सिंह और रेणु जोगी ने समर्थन किया. सदन ने ध्वनिमत से अध्यक्ष के निर्वाचन का समर्थन किया है.
कांग्रेस के प्रति अटूट निष्ठा व विश्वास के प्रतीक महंत परिवार की सफलतम राजनैतिक यात्रा
भारत देश की आजादी से पहले और अब तक कांग्रेस के प्रति अटूट निष्ठा और समर्पण का पर्याय है। विश्वास का नाम जिला जांजगीर-चांपा के ग्राम सारागांव का महंत परिवार है। वर्ष-1952 से लेकर 1978 तक बिसाहू दास महंत ने कांग्रेस की सेवा की तो उनके बाद पद्चिन्हों पर चलकर एवं उनके सपने को साकार करने का कार्य पुत्र डॉ. चरणदास महंत कर रहे हैं। 1980 से 2018 तक विधानसभा व लोकसभा के 10 चुनाव का लम्बा लम्बे राजनैतिक अनुभव अपने आप में सेवा का एक कीर्तिमान हैं।
बांगो बांध के स्वप्नदृष्टा बिसाहू दास महंत
अविभाजित मध्यप्रदेश के जांजगीर-चांपा अंतर्गत ग्राम सारागांव में बिसाहू दास महंत का जन्म 1 अप्रैल 1924 को कृषक परिवार में हुआ। शिक्षा-दीक्षा पूरी होने के बाद वे कांग्रेस की राजनीति में आये। उनके परिवार में इससे पहले कोई भी राजनीति के क्षेत्र में कभी नहीं रहा। सन् 1942 से 1947 के बीच जब वे कॉलेज में अध्ययनरत् थे तब आजादी की लड़ाई में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ खड़े हुए। ब्रिटिश सरकार ने उनके विरूद्ध कार्रवाई कर कॉलेज से मिलने वाला स्कॉलरशिप रद्द कर दिया। इसके बाद बिसाहू दास ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर कांग्रेस के साथ जुड़ जन सेवा में अपने आपको समर्पित कर दिया। वर्ष-1952 के चुनाव में उन्हें पार्टी ने उतारा और बाराद्वार विधानसभा से विजयी रहे। इसके पश्चात नवागढ़ में 1957 व 1962 में चांपा से चुनाव जीते।
1967, 1972 और 1977 में भी वे निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे। क्षेत्र की जनता का स्नेह इस कदर मिलता रहा कि 6 बार चुनाव लड़ा और हर बार उन्हें जीत मिली और अंतिम यात्रा तक यह जीत उनके साथ चलती रही। अपने विधायकी कार्यकाल में बिसाहू दास महंत ने क्षेत्र में सिंचाई व सड़कों के माध्यम से विकास को मूर्तरूप देने का दूरदर्शी निर्णय लिया। बिसाहूदास चूंकि स्वयं कृषक परिवार से रहे इसलिए सिंचाई की समस्या से वाकिफ होने के कारण हसदेव नदी के अथाह जल को संचित करने बांगो बांध का सपना देखा जो बाद में साकार हुआ। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के भी वे स्वप्नदृष्टा थे। खेती-किसानी, सिंचाई व सड़कों के लिए काम किया। 1978 में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में उद्योग, पीडब्ल्यूडी व जेल मंत्री का भी निर्वहन सफलता पूर्वक किया।
बाबूजी की अविरल यात्रा को आगे बढ़ा रहे पुत्र डॉ. चरण दास महंत
पिता बिसाहू दास महंत के कृतित्व और उनके जीवनशैली से पूरी तरह प्रभावित पुत्र डॉ. चरणदास महंत बाबूजी की अविरल विकास यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। 24 वर्ष की आयु में ही डॉ. महंत के कंधे पर चांपा-जांजगीर के लोगों ने यह जिम्मेदारी डाली। सारागांव के इस होनहार युवा ने बाबूजी के क्षेत्रवासियों की मंशानुरूप सेवा को अपना धर्म और अपना लक्ष्य मानकर नायब तहसीलदार की सरकारी नौकरी छोड़ी वर्ष 1980 से अब तक राजनीति के जरिए सेवा की यात्रा जारी रखी है। डॉ. महंत की राजनीतिक यात्रा मध्यप्रदेश राज्य के विधानसभा चुनाव, वर्ष 1980 से शुरू हुई जो अनवरत् जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी व यूपीए की चेयर पर्सन सोनिया गांधी व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विधायक, सांसद, प्रदेश कांग्रेस सहित केन्द्र सरकार में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करने का उन्हें अवसर मिला।
हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन 11 दिसम्बर 2018 को सक्ती विधानसभा से विधायक निर्वाचित होकर 4 जनवरी 2019 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के पंचम विधानसभा के सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित हुए, डॉ. महंत छत्तीसगढ़ कांग्रेस से इकलौते ऐसे कर्मठ कार्यकर्ता हैं जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लगातार 10 चुनाव लड़े। डॉ. महंत के इस पूरे सफर में उनकी धर्मपत्नी ज्योत्सना महंत के द्वारा कदम से कदम मिलाकर परिवार की बहू होने के साथ पत्नी का भी पूरा कर्तव्य निभाया। अपने पुत्र व पुत्रियों के लिए भी वे एक आदर्श माँ साबित हुई हैं।
लोगों की सेवा करूं इसलिए माता-पिता ने नाम रखा चरणदास
डॉ. चरण दास महंत कुशल राजनीतिज्ञ हैं। वे कहते हैं कि- सारागांव का रहने वाला हूं, मेरे माता-पिता ने मेरा नाम चरणदास इसलिए रखा कि मैं जीवन भर लोगों की सेवा करूं। मैं पढ़ा-लिखा हूं, एमएससी किया हूं, समाजशास्त्र में एमए के साथ-साथ एल.एल.बी. भी किया हूं और मैंने पीएचडी भी की है। डॉ. चरणदास महंत कहते हैं कि माता-पिता की मंशा के अनुरूप ही मैं दीन-दुखियों की सेवा करने के साथ सर्वहारा वर्ग के उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नशील व कार्यरत रहा हूं। मेरा संकल्प है
अंतिम सांस तक इनके लिए काम करता रहूंगाआदिवासियों का विकास ही भारत का असली विकास ,डॉ. महंत का कहना है कि जब तक आदिवासी जन का विकास नहीं होगा, तब तक भारत का असली विकास संभव नहीं है। जनजातीय जीवन के उत्थान के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन योजनाबद्ध तरीके से होता है। नाटक, नृत्य और गाने जैसे लोककला के लिए मंच को प्रोत्साहित करने का भी काम सरकारें करती हैं। समाज में कृषक एक महत्वपूर्ण और प्राथमिक इकाई होता है, जिसकी बेहतरी के लिए हरसंभव कार्य एवं योजनाएं किया जाना जरूरी है।
संक्षिप्त परिचय डॉ. चरण दास महंत एम.एस.सी., एमए, एल.एल.बी., पी.एच.डी.
पिता – स्व. बिसाहू दास महंतमाता – स्व. जानकी देवी महंतजन्म तिथि- 13 दिसंबर 1954 ,विवाह- 23 नवंबर 1980 ,धर्मपत्नी – ज्योत्सना महंतपुत्री- सुरभि महंत, डॉ. सुप्रिया महंत, डॉ. भानुप्रिया महंत ,पुत्र – सूरज महंत |