हैमिल्टन, (media Saheb) भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए चौथे एकदिवसीय मुकाबले में मेजबान टीम ने टीम इंडिया को आठ विकेट से हरा दिया। विराट कोहली और एमएस धोनी की अनुपस्थिति में टीम इंडिया की पारी 30.5 ओवर में मात्र 92 रन पर ही सिमट गई। भारतीय टीम की खलेबाज़ी का आलम ये रहा कि टीम इंडिया के सिर्फ चार ही बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा पार कर सके। इस मुकाबले में टीम इंडिया ने एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी बना दिया। इसके बाद 93 रन के छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी किवी टीम ने 14.4 ओवर में एकदिवसीय शृंखला में पहली जीत दर्ज की। हालांकि लक्ष्य पाने के दौरान उसके भी दो विकेट गिर गये।
सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल(14) और कप्तान केन विलियम्सन(11) दोनों का विकेट भुवनेश्वर कुमार ने लिया। हेनरी निकोलस (30) और रॉस टेलर(37) ने आठ विकेट रहते टीम को जीत दिला दी। किवी तेज गेंदबाज ट्रेंस बोल्ट को मारक गेंदबाजी करने पर मैन ऑफ द मैच चुना गया। इससे पहले, मेजबान न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया और उनके तेज़ गेंदबाज़ ट्रेंट बोल्ट (21 रन पर पांच विकेट) और कोलिन ग्रैंडहोम (26 रन देकर 3 विकेट) की बेहतरीन गेंदबाजी ने भारतीय पारी को 92 रन पर समेट दिया। भारतीय टीम का वनडे क्रिकेट में ये सातवां सबसे कम स्कोर रहा। भारत की ओर से कप्तान रोहित शर्मा (7), शिखर धवन (13), अपना पहला मैच खेल रहे शुभमन गिल ने नौ रन बनाए, जबकि अंबाती रायडू और दिनेश कार्तिक खाता तक नहीं खोल सके। केदार जाधव और भुवनेश्वर कुमार ने एक-एक रन बनाया, जबकि खलील अहमद पांच रन बना सके। जबकि चहल ने 18 और कुलदीप ने 15 रन बनाए। न्यूज़ीलैंड की ओर से बोल्ट और ग्रैंडहोम के अलावा कीवी टीम की ओर से जेम्स नीशम और एस्टल ने एक-एक सफलता पाई।
टीम इंडिया ने बनाया शर्मनाक रिकॉर्ड चौथे मैच में सिर्फ 92 रन पर ऑल आउट होकर भारतीय टीम ने हैमिल्टन के मैदान पर सबसे कम एकदिवसीय स्कोर बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इससे पहले भी ये रिकॉर्ड भारतीय टीम के ही नाम था, लेकिन तब भारत ने 100 रन के आंकड़ों को पार किया था। इस मैदान पर 2003 में न्यूज़ीलैंड ने भारतीय टीम को सिर्फ 122 रन पर ऑलआउट कर दिया था। चार खिलाड़ियों ने पार किया दहाई का आंकड़ा टीम इंडिया की शुरुआत इस मैच में बेहद ही खराब रही। 21 रन के स्कोर पर भारत का पहला विकेट गिरा और 92 रन तक आते-आते पूरी टीम पैवेलियन पहुंच गई। इस मुकाबले में सिर्फ चार भारतीय बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा पार कर सके। शिखर धवन 13 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद हार्दिक पांड्या ने 16 रन बनाए। टीम इंडिया का स्कोर 92 रन तक भी नहीं पहुंचता अगर कुलदीप और चहल ने मिलकर 25 रन की साझेदारी नहीं की होती। इस मैच में कुलदीप ने 15 रन और चहल ने 18 रन बनाए। (हि.स.)।