भोपाल
मध्य प्रदेश के 23 बच्चों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सीरप की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक जी. रंगनाथन को परासिया की स्थानीय कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। चेन्नई से गिरफ्तार कर एसआइटी शुक्रवार सुबह उसे लेकर परासिया पहुंची।
शाम करीब पांच बचे कड़ी सुरक्षा के बीच उसे न्यायाधीश संतोष उइके की कोर्ट में प्रस्तुत किया। यहां पुलिस ने पूछताछ के लिए 10 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की। इस पर कोर्ट ने सहमति देते हुए उसे 20 अक्टूबर (10 दिन) तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मीडिया के प्रश्नों पर रंगनाथन ने कहा, 45 वर्षों से यही काम (दवा बनाने का) कर रहा हूं। और कुछ नहीं कहना।
कोल्ड्रिफ की बिक्री के लालच ने ले ली बच्चों की जान
दवा कंपनियों, डाक्टरों और दवा विक्रेताओं के बीच गठजोड़ पुराना है। यह कई बार सामने आ चुका है कि कंपनियां अपनी दवाएं लिखने के लिए डाक्टरों को महंगे उपहार और परिवार सहित विदेश में छुट्टियों तक का लुभावना प्रस्ताव भी देती हैं। मध्य प्रदेश में अमानक कोल्ड्रिफ सीरप से 23 बच्चों की मृत्यु के मामले में भी कुछ ऐसा ही है।
आरोपित डा. प्रवीण सोनी का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भले ही बचाव कर रहा हो लेकिन जांच में यह सामने आया है कि डा. प्रवीण सोनी ने सभी बच्चों को कोल्ड्रिफ ही लिखा। यह उसकी पत्नी ज्योति के स्वामित्व वाले संचालित मेडिकल स्टोर से बेचा गया।
दरअसल, जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक रंगनाथन गोविंदन को शुक्रवार को चेन्नई से गिरफ्तार कर परासिया लाया गया था. शाम करीब 5:30 बजे उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शैलेन्द्र उईके की अदालत में पेश किया गया. इस दौरान आरोपी रंगनाथन ने अपनी पैरवी खुद की. उसने कहा- मैं हार्ट पेशेंट हूं, हाई ब्लड शुगर और हाई बीपी का भी मरीज हूं. मेरी कंपनी के सिरप की सप्लाई तीन राज्यों में होती है, वहां से किसी ने कोई शिकायत नहीं की है.
मुझे कोई जानकारी नहीं
आरोपी रंगनाथन गोविंदन की दलील के बाद कोर्ट ने उससे पूछा कि तुम्हें किस अपराध में गिरफ्तार किया गया है? इस पर रंगनाथन पहले तो चुप रहा, फिर कुछ देर बाद कहा- मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है. इसके बाद अदालत ने उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
परिजनों के भी बयान दर्ज
इधर, मामले की जांच कर रही पुलिस की टीम ने उन परिजनों के बयान दर्ज किए हैं जिनके बच्चों की मौत किडनी फेलियर के कारण हुई है. कुछ बच्चों के परिजन खुद बयान देने थाने पहुंचे, जबकि कुछ को पुलिस लेकर आई. बयान दर्ज होने के दौरान आरोपी रंगनाथन थाने में ही मौजूद था. इससे पहले पुलिस सुबह 11 बजे उसे थाने लेकर आई थी. 5 घंटे की लंबी पूछताछ बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया था.
एसआईटी को फरार कर्मचारी की तलाश
मामले की जांच कर रही एसआईटी अब श्रीसन फार्मा से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स, सप्लायर्स और कंपनी के डायरेक्टर्स पर नजर रख रही है. कंपनी के 10 से ज्यादा फरार कर्मचारी और कारोबारियों को लगातार तलाश किया जा रहा है. ये सभी कांचीपुरम की कफ सिरप फैक्ट्री में काम करते थे.
आरोपी ने खुद पैरवी की, बोला- क्याें गिरफ्तार किया जानकारी नहीं
रंगनाथन गोविंदन (75) को यह भी नहीं पता कि उसे किस जुर्म में पकड़ा गया है। चेन्नई से गिरफ्तार कर परासिया लाए गए रंगनाथन को शुक्रवार शाम 5:20 बजे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शैलेन्द्र उईके की अदालत में पेश किया गया। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्याम साहू ने बताया कि किसी भी वकील ने रंगनाथन की पैरवी करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद रंगनाथन ने पैरवी खुद की। कहा- ‘मैं हार्ट पेशेंट हूं, हाई ब्लड शुगर और हाई बीपी का मरीज हूं। मेरी कंपनी के सिरप की सप्लाई पांच राज्यों में होती है, वहां से किसी ने शिकायत नहीं की।’ जब कोर्ट ने पूछा- ‘तुम्हें किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया है?’ इस पर रंगनाथन चुप हो गया। कुछ देर बाद बोला- ‘मुझे कोई जानकारी नहीं है।’
कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड (20 अक्टूबर तक) पर भेज दिया। पुलिस ने उन परिजनों के बयान दर्ज किए हैं जिनके बच्चों की मौत किडनी फेलियर के कारण हुई थी। कुछ परिजन खुद बयान देने थाने पहुंचे, जबकि कई को पुलिस लेकर आई। बयान दर्ज होने के दौरान आरोपी रंगनाथन थाने में ही मौजूद था। इससे पहले पुलिस सुबह 11 बजे थाने लेकर आई थी। 5 घंटे पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया।
डॉक्टर और कंपनी के बीच संबंधों की पड़ताल
जांच का एक अहम हिस्सा यह भी होगा कि कंपनी का डॉक्टर प्रवीण सोनी से क्या सीधा संपर्क रहा था। स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट में डॉक्टर सोनी का नाम पहले ही सामने आ चुका है, जिन पर इलाज के दौरान बच्चों को वही सिरप देने का आरोप है जो जहरीला पाया गया था। SIT अब इस कड़ी को जोड़ने की कोशिश करेगी कि क्या डॉक्टर और कंपनी के बीच कोई आर्थिक या कारोबारी संबंध रहा है।
प्रतिबंधित दवा निर्माण का खुलासा भी होगा
जांच एजेंसियों को यह भी संदेह है कि श्रीसन कंपनी लंबे समय से प्रतिबंधित या अमानक कफ सिरप का निर्माण कर रही थी। अब रिमांड के दौरान गोविंदन से यह स्पष्ट कराया जाएगा कि ऐसी दवा का उत्पादन कब से चल रहा था, उसमें कौन-कौन से रसायन उपयोग किए गए, और निर्माण के बाद दवा की गुणवत्ता जांच किस स्तर पर की जाती थी।
आरोपी से पूछताछ जारी
एसपी अजय पांडे ने बताया कि आरोपी रंगनाथन गोविंदन को 10 दिन की रिमांड पर लिया है. अब उससे पूछताछ की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि कफ सिरप कोल्ड्रिफ में जहरीला डायइथिलीन ग्लाइकोल कब से मिलाया जा रहा था, इसे कहां-कहां सप्लाई किया गया.
नागपुर के डॉक्टर ने 16 सितंबर को ही बताया था दवा से खराब हो रही किडनी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल में अमानक कोल्ड्रिफ सीरप से 23 बच्चों की मौत के मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 'डेथ"का अलर्ट देने वाले नागपुर के कलर्स अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश अग्रवाल ने 16 सितंबर को ही छिंदवाड़ा जिले के परासिया के पार्षद अनुज पाटकर को फोन कर बताया था कि क्षेत्र से रैफर होकर आए एक बच्चे में किडनी फेलियर असामान्य लग रहा है। यह किसी दवा या कीटनाशक के असर के कारण ही हो सकता है।
पार्षद के माध्यम से यह बात एसडीएम तक पहुंची तो अज्ञात बीमारी के डर के चलते सर्वे शुरू कर दिया, लेकिन पीड़ित बच्चों का किडनी फंक्शन टेस्ट नहीं कराया गया, न ही यह पता करने की कोशिश की गई की किडनी क्यों फेल हो रही है। सभी में सामान्य वजह क्या है। 17 से 24 सितंबर के बीच आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वे कराया जा रहा था कि कोई बच्चा बीमार तो नहीं है।