कलिंगा विश्वविद्यालय ने फोरेंसिक विज्ञान में शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए श्री दावरा विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
नया रायपुर, छत्तीसगढ़ –[05-09-2025] – कलिंगा विश्वविद्यालय ने श्री दावरा विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में शैक्षणिक, अनुसंधान और पेशेवर सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौता ज्ञापन पर श्री दावरा विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री कुमार श्वेताभ और कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर श्री दावरा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल, जिसमें उप कुलसचिव और फोरेंसिक विज्ञान विभाग के सम्मानित संकाय सदस्य शामिल थे, की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। कलिंगा विश्वविद्यालय से डीन अकादमिक मामले, डीन – विज्ञान संकाय, विभागाध्यक्ष – फोरेंसिक विज्ञान, और फोरेंसिक विज्ञान विभाग के अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे ।
इस सहयोग का उद्देश्य फोरेंसिक विज्ञान और संबद्ध विषयों में संयुक्त अनुसंधान, संकाय और छात्र आदान-प्रदान, ज्ञान-साझाकरण और क्षमता निर्माण पहल को बढ़ावा देना है। दोनों विश्वविद्यालय कौशल-धारित प्रशिक्षण को बढ़ाने और फोरेंसिक शिक्षा की वैश्विक उन्नति में योगदान देने के अवसरों का भी पता लगाएंगे।
इस कार्यक्रम में आगामी SCISUSTAIN 2025 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पर भी प्रकाश डाला गया, जो दोनों विश्वविद्यालयों के संयुक्त बैनर तले आयोजित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक सम्मेलन है। यह सम्मेलन विद्वानों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों के लिए स्थायी वैज्ञानिक नवाचारों, फोरेंसिक प्रगति और अंतःविषय सहयोग पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए, दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी छात्रों और संकाय के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के नए रास्ते खोलेगी। कलिंगा विश्वविद्यालय और श्री दावरा विश्वविद्यालय के बीच तालमेल फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में एक मजबूत शैक्षणिक और व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में योगदान देगा।