तृतीय अनुपूरक ध्वनि मत से पारित,
मुख्यमंत्री ने पूर्व भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया
रायपुर(media saheb) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार अपने सभी विभागों में वित्तीय अनुशासन का गंभीरता से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में बजट से अधिक खर्च न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
श्री बघेल ने कहा कि हम किसानों, गरीबों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति के लोगों के लिए काम करने आए हैं। श्री बघेल आज शाम यहां विधान सभा में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपनी सरकार की तृतीय अनुपूरक अनुदान मांगों पर सदन में भी चर्चा का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा -वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हमने वादा किया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा, हमने जो कहा उसे 10 दिन के भीतर पूरा भी किया।
हमारी सरकार बनते ही हमने जो पहला काम किया, वो है किसानों की कर्जमाफी का काम। मुख्यमंत्री के उद्बोधन के बाद सदन में 10 हजार 395 करोड़ रुपए का तृतीय अनुपूरक अनुमान ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि वर्ष 2018-19 के मुख्य बजट में कुल प्रावधान 87 हजार 463 करोड़ रुपए था। प्रथम और द्वितीय तथा आज के तृतीय अनुपूरक को मिलाकर राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट के आकार बढ़कर एक लाख 5 हजार 170 करोड़ रुपए हो गया है। श्री बघेल ने कहा कि तृतीय अनुपूरक में किसानों की ऋण माफी के लिए 6100 करोड़ रुपए का प्रावधान भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने आज विधानसभा में किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने और उनकी ऋण माफी के लिए 6100 करोड़ रुपए का बजट पारित किया है। उन्होंने इसके लिए तथा तृतीय अनुपूरक पर सदन में अपने विचार रखने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। बघेल ने विपक्ष और विशेष रूप से भाजपा सदस्यों द्वारा की गई अपनी सरकार की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि मैं सबकी बातें ध्यान से सुन रहा था खासकर विपक्ष की जिम्मेदारी संभालने आए सदस्यों की बातें कुछ ज्यादा ध्यान देकर सुन रहा था कि शायद वे पश्चाताप के कुछ शब्द कहेंगे, जिसके कारण वे वर्तमान गति को प्राप्त हुए हैं।
पूर्व भाजपा सरकार को घेरा
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा- लेकिन मुझे यह देखकर बड़ा अचरज हुआ कि लगभग 13 सालों के वित्त मंत्री और 15 वर्षों के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के तेवर अभी बदले नहीं हैं। श्री बघेल ने विपक्ष की ओर संकेत करते हुए कहा- हमारी सरकार बने अभी मुश्किल से 20 दिन हुए है और आप लोग हमसे सवाल करने लगे। अभी तो हमने आपकी फाइलों की ऊपर से थोड़ी -सी धूल हटाई है, लेकिन उसके भीतर से भयानक चीख-पुकार निकल रही है।
बघेल ने कहा- पुरानी सरकार के घपले-घोटालों के बारे में इतनी जानकारियां निकलकर आ रही है कि कहा से शुरू करें और कहां खत्म होगा, कहना मुश्किल है। आप सुशासन की दुहाई देते रहे लेकिन गौ माता से लेकर गवर्नेन्स तक सबका कबाड़ा कर दिया। श्री बघेल ने कहा – पूर्ववर्ती सरकार में गौ-सेवा के नाम पर गौ-शाला में क्या धंधा चलता था, गौशालाओं में सैंकड़ों की संख्या में गायें मरती थीं पर आपकी आंखों में आंसू नहीं आते थे। आपसे तो न गौ संभली और न ही गवर्नमेंट। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा- आप 20 दिन में मुझसे शराबबंदी के बारे में पूछ रहे हैं, जबकि आइने की तरह बात साफ है कि इसी राज्य में 1500 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी के लिए सरकार ने ही शराब बेचनी शुरू कर दी। आपकी बनाई शराबबंदी समिति ने तो शराब के काउंटर बढ़ाने और विदेशी मदिरा तथा बीयर की खपत बढ़ाने की सिफारिश की थी। शराब का धंधा फैलाने-फु लाने में आपकी क्या जबर्दस्त रूचि थी।
मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को लेकर अपनी सरकार की नीति स्पष्ट करते हुए कहा- हमारा उद्देश्य शराब बंदी करने का है लेकिन यह कार्य सबको विश्वास में लेकर जनजागरण से करेंगे। श्री बघेल ने पूर्ववर्ती सरकार के बारे में कहा कि उसने प्रचार-प्रसार के नाम पर बजट से ज्यादा राशि खर्च कर दी। लगभग 260 करोड़ का बजट था, लेकिन उसे मिलाकर 400 करोड़ खर्च किया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। कोशिश करेंगे कि पुरानी देनदारियों का निराकरण हो और वित्तीय अनुशासन भी लाएंगे। मुख्यमंत्री ने विपक्ष (भाजपा) सदस्यों की ओर संकेत करते हुए कहा कि आपके विभिन्न विभागों के साइनबोर्ड में नाम भले ही सरकारी विभागों का होता था लेकिन उनमें काम साजिशें रचने का होता था।
बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का उल्लेख करते हुए कहा- रमन सिंह जी ने बहुत सी चुनौतियों की चर्चा की बिल्कुल सही कहा निश्चित तौर पर हमारे सामने बहुत हैं क्योंकि हमें आपकी तरह जुमलेबाजी करना नहीं आता।
वायदों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम
श्री बघेल ने सदन में कहा – वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री के रूप में सदन में यह मेरा पहला भाषण है। उन्होंने कहा कि हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। यह तृतीय अनुपूरक बजट जनघोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा -दस दिन के भीतर जो काम पूरा करने का वादा हमने किया था उसे पूरा किया। खरीफ वर्ष 2018 से किसानों को धान पर प्रोत्साहन राशि को मिलाकर 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है। भारत सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मिलाकर हम किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत दे रहे हैं। पूरे हिन्दूस्तान में ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। सहकारी समितियों में पंजीकृत लगभग 17 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
भारत सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य ए-ग्रेड धान के लिए 1770 रुपए और सामान्य धान के लिए 1750 रुपए हैं। हमारी सरकार द्वारा 300 रुपए बढ़ाकर ए-ग्रेड धान के लिए 730 रुपए और सामान्य धान के लिए 750 रुपए प्रति क्विंटल धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने का निर्णय लिया है। हमारे इस निर्णय से किसानों को अब पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा दर पर धान की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। खरीफ वर्ष 2018 में धान खरीदी के लिए पंजीकृत लगभग 17 लाख किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा। इनमें 2 लाख 13 हजार महिला किसान, एक लाख 87 हजार अनुसूचित जाति वर्ग के किसान और 4 लाख 07 हजार अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए किसान परिवार भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा- हमारी सरकार ने निर्धारित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने के लिए आज के तृतीय अनुपूरक में तीन हजार 070 करोड़ 10 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया है।