नई दिल्ली, (mediasaheb.com) कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जो नया वादा न्यूनतम आय योजना “न्याय” की घोषणा की है , उसे कस्बा , गांव की जनता, बेरोजगारों तक पहुंचाने के लिए 25 करोड़ को लाभ बनाम 10 उद्योगपतियों को लाभ वाला मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए कांग्रेसी नेता विश्व की नामी शोध संस्था “द वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब” की रिपोर्ट का भी हवाला दे रहे हैं, जिसमें 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस व भाजपा की चुनावी योजनाओं की तुलना की गई है।इसमें कहा गया है कि कांग्रेस की “न्याय” योजना से देश के पांच करोड़ गरीब परिवारों ( एक परिवार में 5 लोग ) के 25 करोड़ गरीब लोगों को सीधे लाभ मिल सकता है। इससे जीडीपी पर 1.3 प्रतिशत भार तो पड़ेगा , लेकिन इससे 33 प्रतिशत गरीब परिवारों की आर्थिक दशा सुधरेगी । 25 करोड़ गरीबों को न्यूनतम आय मिलने से उनके शिक्षा व स्वास्थ्य में बहुत सुधार होगा।
इस संगठन ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की भाजपा सरकार की योजना के बारे में रिपोर्ट दी है कि इस योजना का लाभ गरीब सवर्ण के बजाय धनी व प्रबुद्ध सवर्णों को मिल रहा है। क्योंकि इसमें गरीब की जो सीमा रखी गई है उसमें मध्यम आय वर्ग के लोग आ रहे हैं। यदि इसमें वार्षिक आय का पैमाना दो लाख रूपये बनाया गया होता , कृषि भूमि व घर के भूखंड का क्षेत्रफल जो रखा गया है उसका एक चौथाई होता ,तब इससे लगभग 50 प्रतिशत गरीब सवर्ण परिवारो को फायदा होता। इससे कई गुना बेहतर कांग्रेस की “न्याय” योजना है। उक्त संस्था के सह निदेशक ल्यूकस चांसेल का कहना है कि भारत में आर्थिक असमानता की खाई बहुत चौड़ी है। देश के 0.1 प्रतिशत उद्योगपतियों के पास देश की 50 प्रतिशत जनता की सम्पत्ति से अधिक सम्पत्ति है।
इसी को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस कह रही है कि देश के 10 बड़े उद्योगपतियों को साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये का लाभ वर्तमान सरकार द्वारा पहुंचाया गया है तब देश की अर्थव्यवस्था पर भार नहीं पड़ रहा है, तो देश के 25 करोड़ गरीब लोगों को सवा लाख करोड़ रूपये के लगभग लाभ पहुंचाने पर कितना भार पड़ेगा । इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का कहना है कि 10 बड़े उद्योगपतियों को जितने लाख करोड़ रूपये का लाभ पहुंचाया गया है उसके आधे से भी कम भार पड़ेगा। इसलिए ““न्याय” ” योजना 25 करोड़ गरीब लोगों को लाभ बनाम 10 उद्योगपतियों को लाभ वाली हो गई है। कांग्रेस के इस दावे के विपरीत भाजपा इसे व्यर्थ की कल्पना कह रही है।
भाजपा सांसद लालसिंह बड़ोदिया का कहना है कि कांग्रेस व उसके नेता ने यह जो 25 करोड़ गरीबों को सम्पन्न करने का सपना देखा है उसे साकार कैसे करेंगे। केवल आंकड़े से गरीबी दूर होनी होती तो बहुत पहले हो गई होती। लोकसभा चुनाव में वोट पाने के लिए जनता से इसका वादा करने के बजाय , इसे पहले राजस्थान, म.प्र.,छत्तीसगढ़, पंजाब में लागू करके उदाहरण पेश कर दिये होते, तब तो जनता उनके कहे पर कुछ विश्वास करती । अभी तो सब खाली – पीली है। (हि स)।